Amalaki Ekadashi 2021: आमलकी एकादशी पर आंवला का पौधा लगाने से मिलता है भगवान विष्णु का विशेष आर्शीवाद, जानें कब है एकादशी
Amalaki Ekadashi 2021 Date: पंचांग के अनुसार 25 मार्च 2021 को एकादशी की तिथि है. इस एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी और रंगभरनी एकादशी भी कहा जाता है.
Rang Bhari Ekadashi 2021: फाल्गुन मास व्रत और पर्वों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. होली फाल्गुन मास का प्रमुख पर्व है. फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है. इस एकादशी को आमलकी और रंगभरनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस एकादशी में भगवान विष्णु के साथ साथ आंवला के पेड़ की भी पूजा की जाती है.
आमलकी या रंगभरनी एकादशी का महत्व आमलकी एकादशी के दिन विधि पूर्वक पूजा और व्रत रखने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती है. लंबी आयु के लिए यह व्रत अतिउत्तम माना गया है. यह एकादशी आंवले की उपयोगिता को बारे में भी बताती है. आंवला के कारण ही इस एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है.
आंवला है गुणकारी आंवला को बहुत ही गुणकारी माना गया है. शास्त्रों में आंवला के पेड़ में भगवान विष्णु का निवास माना गया है. आंवले के पेड़ को आदि वृक्ष भी कहा जाता है. आंवला विटामिन सी का बेहतरीन श्रोत माना गया है. इसके साथ ही आंवला में कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट जैसे जरूरी तत्व भी पर्याप्त मात्र में पाए जाते हैं. आंवला के बारे में कहा जाता है कि यह कैंसर जैसे रोगों को दूर करने में सक्षम है. अल्सर से बचाता है और वजन कम करने में भी इसका प्रयोग लाभकारी माना गया है.
आमलकी एकादशी पूजा विधि एकादशी पर स्नान करने के बाद पूजा आरंभ करें. पूजा स्थान पर बैठकर हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें और पूजा आरंभ करें. इस दिन भगवान विष्णु की प्रिय चीजों का भोग लगाएं. इस दिन मंदिर के पास आंवला का पौधा लगाना शुभ माना गया है. इस दिन आंवला के वृक्ष की भी पूजा करें.
आमलकी एकादशी तिथि का मुहूर्त 24 मार्च को प्रात: 10 बजकर 23 मिनट से एकादशी तिथि का आरंभ. 25 मार्च प्रात: 09 बजकर 47 मिनट पर एकादशी तिथि का समापन. 26 मार्च प्रात: 06:18 बजे से 08:21 बजे तक एकादशी व्रत का पारण मुहूर्त.