Amalaki Ekadashi 2024: आमलकी एकादशी का व्रत आज रखा जा रहा है, जानें इससे जुड़ी ये महत्वपूर्ण बातें
Amalaki Ekadashi 2024: आमलकी एकादशी का व्रत आज है. इस व्रत में आंवले के पेड़ की पूजा, परिक्रमा करने का विधान है. आमलकी एकादशी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी यहां जानें.
Amalaki Ekadashi 2024: 20 मार्च 2024 यानी आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की आमलकी एकादशी है. ये व्रत व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्त कर बैकुंठ धाम में स्थान दिलाता है. आमलकी एकादशी अर्थात आज के दिन आंवले की पूजा का विशेष महत्व है.
शास्त्रों के अनुसार आंवले के पेड़ में श्रीहरि विष्णु का वास होता है. ऐसे में आमलकी एकादशी पर इसकी पूजा से लक्ष्मी-नारायण प्रसन्न होते हैं, साधक की संतान प्राप्ति, सुखी वैवाहिक जीवन और आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने की कामना पूरी होती है. जानें आमलकी एकादशी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी.
आमलकी एकादशी पूजा सामग्री (Amalaki Ekadashi Puja Samagri)
आमलकी एकादशी की पूजा में पीला चंदन, गुलाल, अबीर, तिल, आंवला, पंचमेवा, कुमकुम, पान, लौंग, सुपारी, कपूर, पानी से भरा नारियल, पंचामृत, तुलसी, हल्दी, धूप, दीप, तिल, मिष्ठान, मौली इत्यादि अवश्य रखें. इन चीजों के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है.
आमलकी एकादशी 2024 मुहूर्त (Amalaki Ekadashi 2024 Puja time)
फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि शुरू - 20 मार्च 2024, प्रात: 12.21
फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि समाप्त - 21 मार्च 2024, प्रात: 02 बजकर 22
- पूजा मुहूर्त - सुबह 10.58 - दोपहर 12.29
- पुष्य योग - 19 मार्च 2024, रात 08.10 - 20 मार्च 2024, रात 10.38
- रवि योग - सुबह 06.25 - रात 10.38
- व्रत पारण - 21 मार्च 2024 , दोपहर 01.41 - शाम 04.07
1000 गौ दान का पुण्य देती है आमलकी एकादशी
पुराणों के अनुसार आमलकी एकादशी का व्रत करने से एक हजार गौदान के फल के बराबर पुण्य प्राप्त होता है.इसके साथ ही गंभीर पापी को भी पाप से मुक्ति करने वाली मानी गई है आमलकी एकादशी. पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक शिकारी ने अनजाने में इस व्रत को किया था, इसके फलस्वरूप श्रीहरि विष्णु ने हर संकट से उसकी रक्षा की और बाद में उसे राजयोग जैसा सुख प्राप्त हुआ.
आमलकी एकादशी पर क्या करें (Amalaski Ekadashi Do's)
- आमलकी एकादशी के दिन आंवले का उबटन लगाएं, आंवले के रस को पानी में डालकर स्नान करें, इससे आरोग्य प्राप्त होता है.
- आज के दिन आंवले के रस से श्रीहरि का अभिषेक करना चाहिए. भोग में भी आंवला या फिर उससे बनी मिठाई अर्पित करें. इसमें तुलसी दल जरुर डालें.
- आमलकी एकादशी को रंगभरी एकादशी भी कहते हैं क्योंकि ये होली से पहले आती है. इसलिए आज पूजा में विष्णु जी और भोलेनाथ-पार्वती जी को गुलाल, अबीर जरुर चढ़ाएं. इससे वैवाहिक जीवन सुखमय होता है.
- आमलकी एकादशी पर आंवले के पेड़ को जल, दूध से सींचें और फिर 108 बार परिक्रमा करें. इस दौरान श्रीहरि के मंत्रों का जाप करें.
आमलकी एकादशी पर क्या न करें (Amalaski Ekadashi Dont's)
- आमलकी एकादशी के दिन काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए.
- इस एकादशी पर कोई भी मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि अभी होलाष्टक चल रहे हैं. होलाष्टक में शुभ कार्य वर्जित होते हैं.
- आमलकी एकादशी पर श्रीहरि को पूजा में न ही चावल चढ़ाएं और न ही स्वंय चावल ग्रहण करें. आज के दिन चावल खाने से दोष लगता है.
- तुलसी की पूजा रोजाना होती है लेकिन आमलकी एकादशी पर तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए. साथ ही भोग में तुलसी का पत्ता जरुर डालें. तुलसी पत्ता तोड़े नहीं गमले में सूखा पत्ता जो गिरा हो वो ही इस्तेमाल करें.
- भूलकर भी आमलकी एकादशी पर किसी का अपमान न करें, व्रत में मन-तन दोनों शुद्ध होने चाहिए. इसलिए मांस मदिरा को सेवन भूल से भी न करें.
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