Amarnath Yatra 2024: आज यानि 29 जून 2024, शनिवार से अमरनाथ यात्रा का आगाज हो रहा है. हर साल इस तीर्थ यात्रा को लेकर भक्तों में बहुत अधिक उत्साह रहता है. बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए श्रृद्धालु पूरे साल इस दिन का इंतजार करते हैं.


हर साल आषाढ़ पूर्णिमा से अमरनाथ शुरु होती है और श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि तक चलती है. हर साल लाखों की संख्या में भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे हैं.


अमरनाथ गुफा की कथा (Amarnath Gufa Katha)


हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव अमरनाथ गुफा में विराजमान हैं. मान्यता है जब माता पार्वती ने भगवान शिव से अमरत्व का कारण जानना चाहा, तो भगवान शिव ने माता पार्वती को एक कथा सुनाने को कहा, अमरत्व की कथा सुनाने के लिए उन्होंने अमरनाथ गुफा को चुना, ताकि इस कथा को कोई और ना सुन सके.


इस गुफा तक पहुंचने के लिए शिव जी ने पहलगाम में सबसे पहले अपने नंदी यानि अपनी सवारी का त्याग किया. इसके बाद चंदनवाड़ी में भगवान शिव ने अपनी जटाओं से चंद्रमा को मुक्त किया.


इसके बाद शेषनाग नामक झील के तट पर उन्होंने अपने गले से सर्पों को भी मुक्त कर दिया,  उन्होंने अपने पुत्र गणेश को महागुनस पर्वत पर छोड़ने का फैसला किया. फिर पंचतरणी नामक स्थान पर पहुंचकर भगवान शिव ने पंच तत्वों (पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश) का भी त्याग कर दिया.


इन सब को छोड़कर जब भगवान शिव ने माता पार्वती के साथ अमरनाथ गुफा में प्रवेश किया और वहां पर समाधि ले ली,  इसके बाद, भगवान शिव ने कालाग्नि बनाई और गुफा के आसपास मौजूद हर जीवित प्राणी को नष्ट करने के लिए उसे आग फैलाने का आदेश दिया, ताकि माता पार्वती को छोड़कर कोई भी अमर कथा न सुन सके,  फिर भगवान शिव माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताने लगे. लेकिन माना जाता है वहां अचानक कबूतरों का एक जोड़ा पहुंचा और उन्होंने अमरत्व के रहस्य को सुन लिया, जिसके साथ ही कबूतरों का यह जोड़ा अमरत्व को प्राप्त हो गया. आज भी बाबा बर्फानी के मंदिर में कबूतरों का यह जोड़ा विराजमान है.


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