Ambedkar Jayanti 2024: बाबा साहेब अंबेडकर ने क्यों अपनाया बौद्ध धर्म, जानिए वजह
Ambedkar Jayanti 2024: 14 अप्रैल 2024 को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती है. बाबा साहेब ने हिंदू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाया था. लेकिन क्या आप जानते हैं आखिर इसका कारण क्या था?
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Ambedkar Jayanti 2024: 14 अप्रैल 2024 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की 133वीं जयंती मनाई जाएगी. डॉ. भीमराव अंबेडर भारतीय संविधान के जनक थे.
उन्होंने समाज के निचले तबके, कमजोर वर्ग, मजदूर और महिलाओं को लेकर जरूरी कदम उठाए और इन्हें सशक्त बनाने के लिए लंबी लड़ाई भी लड़ी.
14 अप्रैल को बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में एक दलित परिवार में हुआ था.
निचले कुल में जन्म लेने के कारण उन्होंने खुद भी बचपन से ही जाति को लेकर होने वाले भेदभाव और छूआछूत का सामना किया था. उन्होंने कानून और सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई की.
वे हिंदू परिवार में जन्मे थे. लेकिन एक समय ऐसा आया कि बाबा साहेब ने हिंदू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया.
इसे लेकर कई लोगों के मन में जिज्ञासा रहती है कि आखिर क्यों बाबा साहेब ने हिंदू धर्म का त्यागकर बौद्ध धर्म को अपना लिया.
बाबा साहेब ने क्यों अपनाया बौद्ध धर्म
इसका जवाब बाबा साहेब के लेख ‘बुद्ध और उनके धर्म का भविष्य’ में मिलता है.
हालांकि मूलरूप से यह लेख अंग्रेजी में है जिसका नाम है- बुद्धा एंड दि फ्यूचर ऑफ हिज रिलिजन (Buddha and the Future of his Religion). यह लेख 1950 में प्रकाशित हुआ था.
इसमें बाबा साहेब ने हिंदू, बौद्ध, ईसाई और इस्लाम धर्म की तुलना की है.
इस सभी में उन्हें बुद्ध का मानवीय रूप अधिक पसंद आया. बौद्ध धर्म उनकी दृष्टि में सबसे श्रेष्ठ है.
बाबा साहेब अंबेडर ने 13 अक्टूबर 1935 में हिंदू धर्म छोड़ने का निर्णय लेते हुए इसकी घोषणा की.
उन्होंने कहा, मुझे ऐसा धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता हो. क्योंकि किसी व्यक्ति में विकास के लिए इन तीनों चीजों की जरूरत है.
इसके बाद 14 अक्टूबर 1956 में बौद्ध धर्म को अपना लिया.
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