Amla Navami 2021: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के नौंवे दिन आंवला नवमी का पर्व (Kartik Month Amla Navami 2021) मनाया जाता है. इसे अक्षय नवमी के नाम से भी जानते हैं. आंवला नवमी के दिन किया गया धर्म, जप, तप और दान आदि दुखों से मुक्ति देने वाला होता है. आंवला नवमी के दिन कुछ उपाय है, हर मनोकामना पूरी करने के साथ अगले जन्म तक अक्षय फल देते हैं.


1. पीपल और केले के पेड़ के अलावा आंवला के पेड़ की पत्तियों में भगवान विष्णु, शिव और माता लक्ष्मी का वास होता है. इस दिन अक्षय लाभ के लिए आंवला पेड़ की पूजा जरूर करनी चाहिए.


2. आंवला नवमी पर आंवले के पेड़ के नीचे भोजन पकाना चाहिए और पूरे परिवार के साथ खाना खाएं. खाना खाते समय आंवले से पत्ती गिर जाए तो यह साक्षात भगवान विष्णु का आशीर्वाद माना जाता है. 


3. इस दिन भगवान विष्णु जी को आंवला जरूर अर्पित करें. मान्यता है कि सृष्टि निर्माण के लिए ब्रह्मा जी के आंसुओं से आंवला पेड़ उत्पन्न हुआ था और इसे पृथ्वी का पहला फल माना जाता है. इसलिए भगवान की पूजा करते समय भोग में आंवला जरूर चढ़ाएं.


4. आंवला नवमी पर किया गया दान, ब्राह्मणों को भोजन से धन-संपदा, सुख-शांति में बढ़ोत्तरी होती है. इस दिन नई चीजों की खरीदारी शुभ है. विशेषकर सोना-चांदी आभूषण, जमीन आदि खरीदने से भौतिक चीजों में वृद्धि होती है. इस दिन हर व्यक्ति को आंवला जरूर खाना चाहिए.


आंवला नवमी तिथि प्रारंभ (Amla Navami Tithi 2021)
12 नवंबर 2021, शुक्रवार को सुबह 05 बजकर 51 मिनट से प्रारंभ होकर, 13 नवंबर, शनिवार को सुबह 05 बजकर 30 मिनट तक रहेगी.


पौराणिक कथा 
पौराणिक कथा अनुसार मां लक्ष्मी एक बार पृथ्वीलोक पर भ्रमण को आईं. यहां उन्हें भगवान विष्णु और शिव की पूजा एक साथ करने की इच्छा हुई. उन्हें ध्यान आया कि तुलसी और शिव के स्वरूप बैल के गुण आंवले में होते है. इसमें दोनों का अंश है. इसलिए मां ने आंवले को ही शिव और विष्णु का स्वरूप मानकर पूजा की थी. पूजा से प्रसन्न दोनों देव साथ प्रकट हुए. लक्ष्मी जी ने आंवले के नीचे भोजन बनाकर खिलाया. इसी आधार पर हर साल कार्तिक शुक्ल नवमी के दिन आंवला के पेड़ की पूजा की जाती है. 


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