Anang Trayodashi 2021: हिंदू पंचाग में अनंग त्रयोदशी का विशेष महत्व है. चैत्र और मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के अनंग त्रयोदशी मनाई जाती है. इस बार अनंग त्रयोदशी 16 दिसंबर को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ-साथ कामदेव और रति की पूजा उपासना की जाती है. धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि अनंग त्रयोदशी के दिन व्रत रखने से विवाहित दपंत्ति को संतान प्राप्ति होती है.
अनंग त्रयोदशी के दिन व्रत और पूजा आदि करने से प्रेम प्रसंग में पड़े जातकों की शादी के योग बनते हैं. अगर आप प्यार में हैं और प्रेमी या प्रेमिका से विवाह करना चाहते हैं तो अनंग त्रयोदशी का व्रत अवश्य रखें. आइए जानते हैं इसके महत्व आदि के बारे में.
अनंग त्रयोदशी व्रत कथा (Anang Triyodashi Vrat Katha 2021)
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव मां सती के वियोग में ध्यान में मग्न हो गए थे. इससे तीनों लोकों में असुरों का आतंक बढ़ गया. स्वर्ग लोक पर भी असुरों ने अधिपत्य स्थापित कर लिया. उस समय देवी-देवताओं ने भगवान शिव का ध्यान तोड़ने की जिम्मेदारी कामदेव और रति को सौंपी. कामदेव और देवी रति ने जब भगवान शिव का ध्यान तोड़ने की कोशिश की तो, भगवान शिव ने क्रोधित होकर कामदेव को तीसरी नेत्र से भस्म कर दिया. यह देखकर रति वियोग करने लगी. जब भगवान शिव का गुस्सा कम हुआ तब उन्होंने बताया कि वर्तमान में कामदेव को अनंग रूप में रहना पड़ेगा. वहीं, द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के घर पुत्र रूप में कामदेव जन्म लेंगे. द्वापर युग में अनंग रूपी कामदेव ने शरीर रूप धारण किया. और कालांतर से अनंग त्रयोदशी का व्रत रखा जाने लगा.
अनंग त्रयोदशी पूजा विधि Anag Triyodashi Puja Vidhi
अनंग त्रयोदशी के दिन ब्रह्म बेला में घर की साफ-सफाई करें और स्नान ध्यान करें. स्वच्छ सफेद वस्त्र धारण करें. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कामदेव और देवी रति की पूजा उपासना करें. शास्त्रों में बताया गया है कि सबसे पहले भगवान गणेश जी की पूजा करें. इसके बाद भगवान शिव-माता पार्वती और कामदेव की पूजा करें. इसके बाद आखिर में कामदेव से अपनी इच्छा प्रकट करें. अनंग त्रयोदशी के दिन दिनभर उपवास रखें. संध्याकाल में आरती-अर्चना कर भोजन करें.
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