Anang Trayodashi 2022: मार्गशीर्ष माह में श्रीकृष्ण और शिव का आराधना उत्तम फलदायी मानी गई है. भगवान शिव के प्रमुख व्रतों में से एक है अनंग त्रयोदशी व्रत. ये व्रत मार्गशीर्ष और चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है. ये दिन शिव, पार्वती, कामदेव और रति को समर्पित है. भविष्य पुराण के अनुसा इस दिन व्रत कर शंकर-पार्वती की उपासना करने से प्रेम विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती है. साथ ही यश, बल धन प्राप्त होता है. आइए जानते हैं अनंग त्रयोदशी कब है, पूजा का मुहूर्त और महत्व.


अनंग त्रयोदशी व्रत 2022 डेट (Anang Trayodashi 2022 Date)


अनंग त्रयोदशी व्रत 5 दिसंबर 2022 को रखा जाएगा. इस दिन भगवान शिव के वरदान से अनंग (अंग रहित) रूपी कामदेव ने द्वापर युग में श्रीकृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न के रूप में जन्म लिया और शरीर पाया, तभी से ये व्रत किया जाने लगा.


अनंग त्रयोदशी व्रत महत्व (Anang Trayodashi Significance)


धार्मिक मान्यता है कि संतान की चाह रखने वाले पति-पत्नी को अनंग त्रयोदशी के दिन व्रत रखने से सुयोग्य संतान प्राप्त होती है. शास्त्रों के अनुसार ये दिन दांपत्य संबंधों को मजबूत करने का पर्व है. कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कामदेव और रति की पूजा करने से धन, ऐश्वर्य, स्वास्थ और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.


अनंग त्रयोदशी पूजा विधि (Anang Trayodashi Puja vidhi)



  • अनंग त्रयोदशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पूरे की साफ-सफाई करें और सूर्योदय से पूर्व स्नान कर व्रत का संकल्प लें

  • सर्वप्रथम गणपति का पूजन करें. इसके बाद पंचामृत (दूध, दही, गुड़, घी और शहद) से शिवलिंग का अभिषेक करें. शिवजी को चंदन, रोली, मौली, फूल, सफेद मिठाई, बेलपत्र चढ़ाएं. देवी पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें.

  • फिर हे गौरी शंकर अर्धागिंनी यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा माम कुरू कल्याणी कान्त कान्ता सुदुर्लभम्।। इस मंत्र का जाप करें.

  • अब कामदेव से अपनी मनोकामना पूर्ती के लिए प्रार्थना करें.  संध्याकाल में आरती-अर्चना कर व्रत का पारण करें.


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