Anant Chaturdashi 2020: अनंत चतुर्दशी का पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. अनंत चतुर्दशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस पर्व को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है.


अनंत चतुर्दशी पर बप्पा को दी जाती है विदाई
अनंत चतुर्दशी का पर्व बहुत ही पवित्र पर्व माना जाता है. इस दिन विघ्नहर्ता यानि गणपति बप्पा का विसर्जन किया जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन घरों में गणेश जी को लाया जाता है. 10 दिन बाद 11वें दिन गणेश जी को विदाई दी जाती है. इस पर्व को गणेश महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. अनंत चतुर्दशी को विधि पूर्वक गणेश जी का विसर्जन करने से गणेश जी का आर्शीवाद प्राप्त होता है.


भगवान विष्णु के अनंत रूप की होती है पूजा
अनंत चतुर्दशी के पर्व पर भगवान विष्णु के अनंत रूप पूजा की जाती है. अनंत चतुर्दशी के दिन मुख्यत: भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है. इस दिन अनंत सूत्र बांधा जाता है. इस दिन अनंत सूत्र को पुरुष दाहिने हाथ में और महिलाएं अपने बाएं हाथ में धारण करती हैं.


अनंत चतुर्दशी पूजा शुभ मुहूर्त और विधि
पंचांग के अनुसार 01 सितंबर की सुबह 05 बजकर 59 से 09 बजकर 41 मिनट तक अनंत चतुर्दशी की पूजा का मुहूर्त बना हुआ है. अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा स्थान को शुद्ध करें और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान विष्णु को पीले पुष्प अर्पित करें. अनंत सूत्र की पूजा करें. भगवान विष्णु की आरती का पाठ करें.


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