Anant Chaturdashi 2020: अनंत चतुर्दशी का पावन पर्व 1 सितंबर 2020 है. अनंत चतुर्दशी के पर्व पर भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है. इस समय चातुर्मास चल रहे हैं. चातुर्मास में भगवान विष्णु की पूजा विशेष महत्व रखती है.


अनंत सूत्र का महत्व
अनंत चतुर्दशी पर अनंत सूत्र बांधने की परंपरा है. अनंत सूत्र को लेकर ये मान्यता है कि इस सूत्र में भगवान विष्णु का वास होता है. अनंत चतुर्दशी पर अनंत सूत्र को भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद इसे बांह में बांधा जाता है. अनंत सूत्र को पहने से पहले ये जान लेना चाहिए कि अनंत सूत्र में 14 गांठें होनी चाहिए. क्योंकि 14 गांठों को 14 लोकों से जोड़कर देखा जाता है. मान्यता है कि भौतिक जगत में 14 लोक बनाए जिनमें भूर्लोक, भुवर्लोक, स्वर्लोक, महर्लोक, जनलोक, तपोलोक, ब्रह्मलोक, अतल, वितल, सतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल लोक शामिल है. अनंत सूत्र में लगने वाली प्रत्येक गांठ एक लोक का प्रतिनिधित्व करती है.


अनंत सूत्र बांधने का नियम
अनंत चतुर्दशी पर अनंत सूत्र को बांधने का विशेष नियम भी है. इसलिए इस नियम का सदैव ध्यान रखना चाहिए. मान्यता है कि अनंत सूत्र को पुरुष दाहिने और महिलाओं को अपने बाएं हाथ में इसे बांधना चाहिए. इस दिन व्रत रखने का भी विधान है. इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उनका आर्शीवाद प्राप्त होता है.


अनंत चतुर्दशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 1 सितंबर को चतुर्दशी तिथि पर प्रात:काल स्नान करने के बाद पूजा का आरंभ करें. भगवान विष्णु की प्रिय चीजों का भोग लगाएं. भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है. इसलिए पूजा में पीले रंग की चीजों का प्रयोग करें. पंचांग के अनुसार 1 सितंबर की सुबह 5 बजकर 59 से 09 बजकर 41 मिनट तक अनंत चतुर्दशी की पूजा का मुहूर्त है. पूजा के बाद अनंत सूत्र को बांधें.


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