Anant Chaturdashi 2021 Vrat Rules and Mantra: अनंत चतुर्दशी व्रत में भगवान विष्णु के अनंत रूपों की उपासना की जाती है तथा व्रत रखने वाला 14 गांठ का अनंत सूत्र बांधते हैं. इसके बाद पूरा दिन उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु का ध्यान करते हैं. इस व्रतमें 14 गांठ वाला यह अनंत सूत्र बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. आइये जीनें इसके बांधने का मंत्र और नियम.


अनंत सूत्र बांधने के नियम


अनंता या अनंत सूत्र रेशम से बन होता है. व्रत रखने वाले पुरुष इसे दाहिने हाथ में और महिलाओं को अपने बाएं हाथ में बांधना चाहिए. अनंता को भगवान विष्णु की पूजा के बाद ही बांधा जाना चाहिए. अनंत सूत्र को बांधने वाले को दिन भर उपवास व्रत रखना चाहिए. इससे भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है.  अनंत सूत्र बांधने के बाद चौदह दिनों तक तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए. इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.



पूजा मंत्र:


अनंत सर्व नागानामधिप: सर्वकामद: सदा भूयात् प्रसन्नोमे यक्तानाम भयंकर:।।


सूत्र बांधने का मंत्र:


येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।


अनंत सूत्र का महात्म


अनंत चतुर्दशी के दिन अनंत सूत्र या अनंता के बांधने का महात्म अग्नि पुराण और महाभारत जैसे ग्रंथों में मिलता है. इसे अनंत जीवन का प्रतीक माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इसको बांधने से व्रती को दीर्घायु और निरोगी काया की प्राप्ति का वरदान प्राप्त होता है. अनंता को जीवन के समस्त दुखों और पापों का नाश करने वाला माना जाता है.


महाभारत के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों को इसका महात्म समझाते हुए अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने को कहा था. इससे उन्हें जुए में हारा हुआ राजपाट पुनः प्राप्त हो गया था. धार्मिक मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने से श्री हरि की अनंत कृपा की प्राप्ति होती है.