Anant Chaturdashi 2022: अनंत चतुर्दशी पर इस तरह हाथ पर बांधे 14 गांठ वाला सूत्र, सदा दूर रहेंगी बुरी शक्तियां
Anant Chaturdashi 2022 Sutra: अनंत चतुर्दशी 9 सितंबर 2022 को है. इस दिन पूजा-पाठ के बाद बांह में 14 गांठ वाला सूत्र बांधने का विधान है. जानते हैं अनंत चतुदर्शी का मुहूर्त और चौदह गांठ वाले सूत्र का महत्व.
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Anant Chaturdarshi 2022 Knot: सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व बताया गया है. इस साल अनंत चतुर्दशी 9 सितंबर 2022 (Anant chaturdarshi 2022 date) को है. इस दिन श्रीहरि नारायण के अनंत रूप की उपासना की जाती है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन ही गणपति उत्सव का समापन होता है. इसी दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है. अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस भी कहते हैं. अनंत चतुर्दशी पर व्रत संकटों से पार पाने वाला माना गया है. इस दिन पूजा-पाठ के बाद बांह में 14 गांठ वाला सूत्र बांधने का विधान है. आइए जानते हैं अनंत चतुदर्शी का मुहूर्त और चौदह गांठ वाले सूत्र का महत्व.
14 गांठ वाले अंनत सूत्र का महत्व (Anant sutra 14 Knot significance)
- अनंत चतुर्दशी पर बांधे जाने वाला 14 गांठ वाला सूत्र 14 लोकों (भूर्लोक, भुवर्लोक, स्वर्लोक, महर्लोक, जनलोक, तपोलोक, ब्रह्मलोक, अतल, वितल, सतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल लोक) का प्रतीक माना गया है. इसकी हर गांठ प्रत्येक लोक का प्रतिनिधित्व करती है.
- रेशम की डोर से बना ये सूत्र जातक का रक्षा कवच होता है, इसे बांधने के बाद भय से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि जो पूरे चौदह साल तक सभी नियम से पूजा पाठ करके चौदह गांठ वाला अनंत सूत्र बांधता है उसपर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है और बैकुंठ प्राप्त होता है.
अनंत सूत्र पहनने के नियम (Anant sutra wearing Rules)
अनंत चतुर्दशी पर श्रीहरि की पूजा के बाद इसे नारायण के प्रसाद के रूप में पुरुष दाएं हाथ और महिलाओं को बाएं हाथ की बांह में पहनना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि इसे रात्रि में उतार कर रखे देना चाहिए और अगले दिन किसी नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए.
अनंत सूत्र धारण करने की विधि (Anant sutra Puja vidhi))
- अनंत सूत्र बांधने का महात्म अग्नि पुराण में भी बताया गया है. अनंत चतुर्दशी पर व्रत रखकर श्रीहरि की विधिवत पूजा करें. अब एक रेशम की डोर लेकर उसे हल्दी, केसर से रंगें.
- अनंत सूत्र में 14 पवित्र गांठें लगाने के बाद इसे भगवान विष्णु को अर्पित करें. इस दौरान ऊं अनंताय नमः मंत्र का जाप करें. फिर अपने बांध पर धारण करें. मान्यता है कि इसे बांधने से आरोग्य का वरदान मिलता है साथ ही पिछले जन्म और वर्तमान जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं.
अनंत चतुर्दशी 2022 मुहूर्त
पूजा का मुहुर्त - सुबह 06.10 - शाम 06:07 (9 सितंबर 2022)
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