(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Annapurna Jayanti 2022: अन्नपूर्णा जयंती कल, जानें मुहूर्त, इस विधि से पूजा करने पर मिलेगा धन-धान्य का आशीर्वाद
Annapurna Jayanti 2022: 8 दिसंबर 2022 को अन्नपूर्णा जयंती भी मनाई जाएगी.मां अन्नपूर्णा की आराधना से देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं. आइए जानते हैं अन्नपूर्णा देवी की पूजा का मुहूर्त और विधि.
Annapurna Jayanti 2022: 8 दिसंबर 2022 मार्गशीर्ष महीने का आखिरी दिन है. इसके बाद से पौष माह शुरू हो जाएगा. मार्गशीर्ष की पूर्णिमा 8 दिसंबर को भी है इसी दिन अन्नपूर्णा जयंती भी मनाई जाएगी. मां अन्नपूर्णा संसार को अन्न प्रदान करने वाली देवी है. जब धरती पर अन्न-जल का संकट पैदा हो गया था तब मां पार्वती ने देवी अन्नपूर्णा का रूप धर लोगों को इस आपदा से बचाया था. इन्हें आदिशक्ति देवी पार्वती का ही अवतार माना गया है. अन्नदा और शाकुम्भरी भी मां अन्नपूर्णा के ही नाम हैं. अन्नपूर्णा जयंती पर जगह विशेष अनुष्ठान, पूजा, यज्ञ, दान किए जाते हैं. मां अन्नपूर्णा की आराधना से देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं. आइए जानते हैं अन्नपूर्णा देवी की पूजा का मुहूर्त और विधि.
अन्नपूर्णा जयंती 2022 मुहूर्त (Annapurna Jayanti 2022 Muhurat)
मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि शुरू - 07 दिसंबर 2022, सुबह 08:01
मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि समाप्त - 08 दिसंबर 2022, सुबह 09:37
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05:16 - सुबह 06:10
- अमृत काल - सुबह 09:04 - सुबह 10:48
- अभिजित मुहूर्त - सुबह 11:58 - दोपहर 12:40
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 05:31- शाम 05:58
अन्नपूर्णा जयंती 2022 शुभ योग (Annapurna Jayanti 2022 Shubh yoga)
इस दिन साध्य योग बन रहा है. साध्य योग शुभ कार्य करने के लिए उत्तम माना जाता है, इस योग में कार्य सीखने या करने में रूचि बढ़ती है और सफलता मिलती है. ऐसे में अगर आप अन्न जैसा जुड़ा कोई बिजनेस शुरू करना चाह रहे हैं तो अन्नपूर्णा जयंती से इसकी शुरुआत करना शुभ रहेगा लेकिन जानकारों से सलाह जरूर लें.
साध्य योग - 8 दिसंबर 2022, सुबह 02:55 - 9 दिसंबर 2022, सुबह 03.12).
अन्नपूर्णा जयंती पूजा विधि (Annapurna Jayanti Puja vidhi)
- सुबह जल्दी उठकर सूर्योदय से पूर्व स्नान कर लें. उसके बाद ही रसोई में प्रवेश करें.
- रसोई, चूल्हे की अच्छी तरह साफ-सफाई करें. गंगाजल छिड़कें. कहते हैं रसोई जितनी शुद्ध होती है उस घर में धन-अन्न के भंडार सदा भरे रहते हैं.
- चूल्हे पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं उस पर हल्दी, अक्षत, फूल चढ़ाएं. धूप, दीप लगाएं.
- अब सबसे पहले कुछ मीठा प्रसाद जैसे खीर, हलवा बनाकर महादेव और माता पार्वती को भोग लगाएं.
- घर में देवी अन्नपूर्णा की तस्वीर है तो षोडोपचार ने उनका पूजन कर भोग अर्पित करें. पूजा के समय इस मंत्र का जाप करें - 'ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं भगवति अन्नपूर्णे नम:
- अन्नपूर्णा स्तोत्र का पाठ करें. आरती कर प्रसाद सभी में बांट दें.
- इस दिन घर में जो भोजन बनाए उसे जरूरतमंद और गरीबों में जरूर बांटें, कहते हैं इससे देवी अन्नपूर्णा जल्द प्रसन्न होती हैं और अन्न की कमी दूर होती है.
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