13 अप्रैल को सूर्य का राशि परिवर्तन हो चुका है. इस समय सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में गोचर कर रहे हैं. सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करते ही खरमास का माह भी समाप्त हो चुका है. खरमास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इसे मलमास के नाम से जानते हैं. मेष संक्रांति के बाद मांगलिक कार्य आरंभ हो चुके हैं.


अप्रैल के  आने वाले 15 दिनों में विशेष व्रत पड़ रहे हैं. इनमें एकादशी व्रत,मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत और वैशाख अमावस्या जैसे व्रत शामिल हैं. आइए जानते हैं ये व्रत अप्रैल माह की किस किस तारीख में पड़ रहे हैं.


18 अप्रैल: वरुथिनी एकादशी- ये अप्रैल माह के महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. सभी व्रतों में एकादशी का व्रत विशेष माना जाता है. इस व्रत को जो भी करता है उसकी सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है.


20 अप्रैल: प्रदोष व्रत- सोमवार को पड़ने वाले इस व्रत में भगवान शिव की उपासना कर प्रसन्न करने का विधान है. इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.


21 अप्रैल: मासिक शिवरात्रि- इस बार मासिक शिव रात्रि मंगलवार को पड़ रही है जिस कारण इस दिन भगवान शिव और हनुमान जी की उपासना की जाएगी. हनुमान जी भी भगवान शिव के 11 वें रुद्र अवतार हैं.


22 अप्रैल: वैशाख अमावस्या- यह अमावस्या इस दिन बुधवार को पड़ रही है. यह दो दिन तक होगी. पहले दिन यानि 22 अप्रैल को पितृकार्य और 23 अप्रैल को देवकार्य पूजन किया जाएगा.मान्यता है कि त्रेतायुग का आरंभ वैशाख मास में ही हुआ था. पितृ दोष और काल सर्प दोष को दूर करने के लिए इस अमावस्या पर की जाने वाली पूजा विशेष फलदायी मानी गई है.


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