Ashadh Amavasya 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं. इसे अषाढ़ी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है.इस दिन नदी में स्नान करके पितरों की पूजा करने का महत्व है. हलहारिणी अमावस्या पर हल और खेती में उपयोग होने वाले उपकरणों की पूजा की जाती है. किसान विधि-विधान से हल पूजन करके ईश्वर से फसल हरी-भरी बनी रहने की कामना करते हैं. इस बार ये अमावस्या 28 जून 2022, मंगलवार के दिन रहेगी.
आषाढ़ अमावस्या मुहूर्त
तिथि आरंभ: 28 जून 2022, सुबह 05 बजकर 53 मिनट से
तिथि समापन: 29 जून 2022, सुबह 08 बजकर 23 मिनट तक
आषाढ़ी अमावस्या का महत्व
आषाढ़ अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान, दान और पितरों की तृप्ति के लिए श्राद्ध का विशेष महत्व होता है. इस पर्व पर दान करने से कई यज्ञों का पुण्य मिलता है. इस दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना शुभ माना गया है.अमावस्या पर पेड़-पौधे भी लगाए जाते हैं. ऐसा करने से कई तरह के दोष और जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं. हलहारिणी अमावस्या को मनाने के पीछे ये उद्देश्य है कि किसी भी शुभ काम का आरंभ भगवान के भजन-सुमिरन के साथ-साथ उनका धन्यवाद करते हुए आरंभ करना चाहिए. जो वस्तुएं रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग होती हैं उनका उचित मान-सम्मान करना चाहिए. हल पूजन इसी बात का प्रतीक है.
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अमावस्या पर करें ये काम
- सूर्योदय से पूर्व उठें और किसी पवित्र नदी पर स्नान करें.
- सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करें.
- भगवान शंकर,मां पार्वती और तुलसी की ग्यारहा परिक्रमा करें.
- अमावस्या तिथि पर भगवान विष्णु की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है.