Amavasya 2021 Date and Time: पंचांग के अनुसार आज यानि 09 जुलाई को आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है. इस अमावस्या की तिथि को आषाढ़ अमावस्या भी कहा जाता है. इस अमावस्या की तिथि का विशेष धार्मिक महत्व शास्त्रों में बताया गया है.


आषाढ़ मास में धार्मिक कार्य, पूजा और उपासना का विशेष महत्व बताया गया है. आषाढ़ मास में दान, स्नान और पितरों को याद करना अत्यंत शुभ फल देने वाला माना गया है. आषाढ़ मास को भगवान विष्णु का प्रिय मास माना गया है. इसीलिए इस मास में भगवान विष्णु की पूजा को भी विशेष बताया गया है. आषाढ़ मास की एकादशी तिथि को अति महत्वपूर्ण माना गया है. आज अमावस्या की तिथि है, इस अमावस्या की तिथि को इन नामों से भी जाना जाता है-



  • आषाढ़ अमावस्या

  • हलहारिणी अमावस्या

  • अषाढ़ी अमावस्या

  • अमावस


कृषि के महत्व को बताती है आषाढ़ी अमावस्या
आषाढ़ मास की अमावस्या कृषि के महत्व को भी बताती है. भारत एक कृषि प्रधान देश है. हमारे देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि कार्य से जुड़ा है. आषाढ़ मास में वर्षा ऋतु आती है. अच्छी वर्षा का अर्थ अच्छी खेती माना जाता है. इस दिन कृषि उपकरणों की विशेष पूजा की जाती है. इसीलिए इस अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं. इस दिन कृषि उपकरणों की पूजा की जाती है. इस दिन हल की पूजा की जाती है. किसान इस दिन पूजा कर भगवान से अच्छी फसल की प्रार्थना करते हैं.


पितरों को याद करें
अमावस्या की तिथि में पितृ पूजा को भी विशेष महत्व दिया जाता है. इस दिन पितरों को याद करना चाहिए. आषाढ़ अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध करना उत्तम माना गया है. 


आषाढ़ अमावस्या व्रत का पारण
आषाढ़ मास की अमावस्या 9 जुलाई, शुक्रवार को है. इसी दिन व्रत और पूजा का कार्य किया जाएगा. व्रत का पारण 10 जुलाई 2021 को किया जाएगा.


आषाढ़ अमावस्या तिथि का शुभ मुहूर्त
आषाढ़ मास की अमास्या तिथि 9 जुलाई की सुबह 5 बजकर 16 मिनट से आरंभ होगी और 10 जुलाई 2021 की सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी.


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