Ashadha Amavasya 2021 Puja Date: हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक, अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है. मान्यता है कि इस तिथि को पितरों की शांति के निमित्त कुछ काम किये जाते हैं. इससे पितृ खुश होकर अपने बच्चों को आशीर्वाद देते हैं. हिंदू परंपराओं के अनुसार अमावस्या तिथि को पितरों के नाम से कुछ न कुछ दान पुण्य किया जाता है. इस तिथि को गीता का पाठ करना चाहिए. इससे पितरों को संतुष्टि एवं सद्गति प्राप्त होती है. आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि 9 जुलाई को पड़ रही है. ज्योतिष आचार्यों का कहना है कि अमावस्या तिथि पर एक वृक्ष लगाना चाहिए. इससे पुण्यफल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि जैसे-जैसे वृक्ष बढ़ते हैं. वैसे –वैसे पितर प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं. इससे उनकी सारी समस्याएं धीरे-धीरे ख़त्म हो जाती है आइये जानें इस दिन कौन से वृक्ष लागने चाहिए? .


पीपल का वृक्ष


सनातन धर्म में पीपल वृक्ष का विशेष स्थान है. भगवान कृष्ण ने कलयुग में इसे अपना साक्षात् अवतार माना है. पितरों की शांति के लिए पीपल का वृक्ष लगना बेहद शुभ माना गया है. अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों का तेल जलाना काफी शुभ होता है. अगर कुंडली में गुरु चंडाल योग में है तो अमावस्या के दिन पीपल का पेड़ जरूर लगाना चाहिए.सभी अशुभता समाप्त होगी.


बरगद का वृक्ष


सनातन धर्म के शास्त्रों में बरगद को मोक्षदायी वृक्ष माना जाता है. अमावस्या के दिन इसे लगाने से पितरों को सद्गति प्राप्त होती है ​और उसका परिवार खूब फलता फूलता है. 


बेल


बेल के वृक्ष को महादेव का प्रिय वृक्ष माना गया है. अमावस्या तिथि को  बेल का वृक्ष लगाने से पितर तृप्त होते हैं एवं उनकी को आत्मा को शांति प्राप्त होती है. पितरों की तृप्ति के लिए शिवलिंग पर पितरों के नाम से गंगाजल अर्पित करके बेलपत्र अर्पित करना चाहिए.


तुलसी


अमावस्या के दिन तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए. क्योंकि इसे बैकुंठ ले जाने वाला पौधा माना गया है. इससे पितरों को मुक्ति मिलती है. घर में तुलसी का पौधा वास्तु दोष को भी खत्म करता हैं. यह परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से भी रक्षा करता है.


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