Ashadha Amavasya 2023 Date: आषाढ़ अमावस्या 17 या 18 जून कब ? जानें सही डेट और स्नान-दान मुहूर्त
Ashadha Amavasya 2023 Date: इस साल आषाढ़ अमावस्या की डेट को लेकर लोगों में संशय बना है. आइए जानते हैं आषाढ़ अमावस्या की सही डेट, स्नाना-दान मुहूर्त और महत्व.
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Ashadha Amavasya 2023 Date: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को पर्व माना जाता है. पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष का आखिरी दिन अमावस्या कहलाता है. विष्णु के अनुसार कृष्ण पक्ष की चौदहवीं तिथि के बाद चंद्रमा, सूर्य मंडल में प्रवेश करता है और सूर्य अमा नाम की किरण में रहता है, इसलिए ये तिथि अमावस्या कहलाती है. ये शनि देव की जन्म तिथि है.
इस दिन स्नान, दान, पितरों के निमित्त तर्पण करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है. इस साल आषाढ़ अमावस्या की डेट को लेकर लोगों में संशय बना है. आइए जानते हैं आषाढ़ अमावस्या की सही डेट, स्नाना-दान मुहूर्त और महत्व.
17 या 18 जून आषाढ़ अमावस्या कब ? (when is Ashadha Amavasya 17 or 18 June 2023 ?)
- पंचांग के अनुसार 17 जून 2023 को सुबह 09 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 18 जून 2023 को सुबह 10 बजकर 08 मिनट पर खत्म होगी.
- अमावस्या पर सूर्योदय से पूर्व स्नान की परंपरा है. ऐसे में 18 जून को अमावस्या स्नान किया जाएगा. वहीं शास्त्रों के अनुसार अमावस्या का संबंध चंद्र के साथ ही सूर्य से भी है. इस तिथि पर सूर्य और चंद्र एक साथ एक ही राशि में स्थित होते है. ये संयोग 18 जून को मिल रहा है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा मिथुन राशि में साथ होंगे.
आषाढ़ अमावस्या 2023 मुहूर्त (Ashadha Amavasya 2023 Muhurat)
स्नान समय - सुबह 04.03 - सुबह 04.43
अभिजित मुहूर्त - सुबह 11.54 - दोपहर 12.50
आषाढ़ अमावस्या पर न करें ये काम (Ashadha Amavasya Niyam)
ज्योतिष में अमावस्या को रिक्ता तिथि कहा जाता है यानी इस तिथि में किए गए काम का फल नहीं मिलता. ये दिन पितरों को समर्पित है ऐसे में कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए. अमावस्या के दिन महत्वपूर्ण चीजों की खरीदी-बिक्री और गृह प्रवेश, मुंडन, मांगलिक कार्य करने से बचें, क्योंकि इसके अशुभ परिणाम मिलते हैं.
आषाढ़ अमावस्या पर क्या करें (Ashadha Amavasya Upay)
अमावस्या तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है. इस दिन पितृगण वायु के रूप में सूर्यास्त तक घर के दरवाजे पर रहते हैं और अपने परिवार से तर्पण और श्राद्ध की इच्छा रखते हैं, इसलिए इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर तर्पण करें और घर में ब्राह्मणों को भोजन कराकर यथाशक्ति दान दें. पितृ पूजा करने से आयु में वृद्धि और परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ती है.
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