Ashadha Amavasya 2023: आषाढ़ माह की अमावस्या 18 जून 2023 को है. अमावस्या तिथि के स्वामी पितर देव माने गए हैं. धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस दिन लोग पवित्र नदी में स्नान कर जरुरतमंदों को दान देते हैं. मान्यता है कि आषाढ़ अमावस्या पर आप 3 महादोष से मुक्ति पा सकते हैं.
कहते हैं कि जिसके जीवन में इन महादोष का साया रहता है उसकी तरक्की रुक जाती है, वैवाहिक जीवन में तनाव रहता है और संतान पर भी संकट मंडराते हैं. आइए जानते हैं आषाढ़ अमावस्या पर 3 महादोष से छुटकारा पाने के उपाय.
आषाढ़ अमावस्या पर 3 महादोष से मुक्ति के उपाय (Ashadha Amavasya Upay)
पितृ दोष (Pitra dosh)- शास्त्रों में कहा गया है कि जिस परिवार में पितृ दोष होता है वहां कभी खुशियां नहीं आती. परिवार के सदस्य गंभीर बीमारी से परेशान रहते हैं, वंश वृद्धि नहीं हो पाती, आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है. कहते हैं पितृदोष हो तो पति-पत्नी के बीच तलाक तक की नौबत आ जाती है. ऐसे में आषाढ़ अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए तर्पण करें. ब्राह्मण को भोजन कराकर दान दें. गाय, कुत्ते, कौए, चीटियों को खाना खिलाएं. इससे पितर प्रसन्न होते हैं और वंशज को आशीर्वाद देते हैं.
शनि दोष (Shani dosh) - अमावस्या शनि देव की जन्म तिथि मानी गई है. अगर कुंडल में शनि की महादशा चल रही है, साढ़ेसाती या ढैय्या के अशुभ प्रभाव से पीड़ित हैं तो अमावस्या पर शाम को पीपल के पेड़ में तेल का दीपक लगाकर 5 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें. मान्यात है इससे शनि की अशुभता दूर होती है और जीवन सुखमय बनता है.
कालसर्प दोष (Kaal sarp Dosh)- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में कालसर्प दोष हो तो व्यक्ति संतानहीन रहता है या फिर संतान रोगी होती है. कालसर्प दोष होने पर जातक की नौकरी भी बार-बार छूटती रहती है और उसे कई कर्ज भी लेना पड़ जाता है. कुंडली राहु-केतु का अन्य सात ग्रहों के साथ विशेष स्थिति से कालसर्प दोष बनता है. कालसर्प दोष से मुक्ति पाने आषाढ़ अमावस्या पर शिवलिंग की विशेष पूजा करें. महामृत्युंजय का जाप करें या फिर चांदी के नाग-नागिन की पूजा कर उन्हें नदी में प्रवाहित कर दें.
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