Sun worship in Ashadh Month: आषाढ़ माह धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व रखता है. इस माह में भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा की जाती है. इसी मास में चतुर्मास भी लगता है. चतुर्मास में भगवान विष्णु शयन के लिए चले जाते हैं. तो इस लोक का कार्य भगवान शिव देखते हैं. इस दौरान भगवान शिव की उपासना बहुत उत्तम मानी गई है.
हिंदू धर्म शास्त्रों में आषाढ़ के महीने को कामना पूर्ति करने वाला महीना कहा गया है. माना जाता है कि इस दौरान जो भक्त सच्चे मन और श्रद्धा से जो भी श्री नारायण भगवान की आराधना करता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है. इसके साथ ही आषाढ़ माह का वास्तु में भी ख़ास महत्त्व है. इस माह को ऋतुओं का संधिकाल भी कहा जाता है. आषाढ़ माह मौसम के परिवर्तन का समय होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि आषाढ़ माह में इन बातों का ध्यान रखें तो शुभ फल मिलता है. आइए जानें:-
आषाढ़ मास में करें सूर्यदेव की उपासना
आषाढ़ माह में सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इस महीने में सूर्योदय के पूर्व स्नानादि सूर्योदय के समय सूर्यदेव को अर्घ्य दें और सूर्य का विधि –विधान से पूजन करें. इससे स भक्त पर सूर्यदेव की कृपा होगी और भक्तों को विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलेगी. यह भी मान्यता है कि इस माह भगवान विष्णु और सूर्यदेव की उपासना से रोग दूर हो जाते हैं और आयु में वृद्धि होती है.
आषाढ़ मास में सूर्य को जल अर्पित करने से शत्रु परास्त होते हैं. आत्मविश्वास बढ़ता है तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. आषाढ़ मास में भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. संतान सुख प्राप्त होता है. जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं.