Ashadha Purnima July 2022: 13 जुलाई 2022 बुधवार को आषाढ़ माह की पूर्णिमा है. आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है. पूर्णिमा के दिन जगत के पालन हार भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का विधान है. पूर्णिमा पर पवित्र नदी या उसके जल से स्नान किया जाए तो पुण्य फल की प्राप्ति होती है. पूर्णिमा के दिन स्नान के साथ दान की भी परंपरा है. आषाढ़ की पूर्णमासी के दिन गुरुओं की भी पूजा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. आइए जानते है आषाढ़ की पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि और दान का महत्व
आषाढ़ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
आषाढ़ पूर्णिमा - 13 जुलाई 2022
पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 13 जुलाई 2022, बुधवार को प्रात: 4 बजे से
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 13 जुलाई 2022, बुधवार को रात 12 बजकर 6 मिनट पर
आषाढ़ पूर्णिमा की पूजा विधि
- पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में या घर पर ही पानी में गंगाजल या किसी पवित्र नदी का जल मिलाकर नहाना ले.
- भगवान विष्णु के तस्वीर के आगे दीप प्रज्जवलित कर व्रत का संकल्प लें.
- भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को फूल, फल, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, चंदन, रोली, वस्त्र, मिठाई आदि अर्पित करते हुए पूजा करें.
- पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण कथा जरुर पढ़ें. साथ ही इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना शुभ माना जाता है.
- भगवान विष्णु को प्रसाद चढ़ाएं और आरती कर प्रसाद बांट दें.
आषाढ़ पूर्णिमा का महत्व
- आषाढ़ पूर्णिमा पर अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी जरूरतमंद को जल पात्र, पंखा, नमक, चावल, चीनी, छाता, घी आदि का दान करने सौभाग्य की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु की कृपा से आरोग्य का वरदान मिलता है.
- आषाढ़ पूर्णिमा पर पीपल के पेड़ के नीचे देवी लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में धन का आगमन होता है और समृद्धि प्राप्त होती है.
- पूर्णिमा पर कई लोग गोपदं व्रत करते हैं. इन्हें इस दिन गायों की पूजा जरूर करनी चाहिए और उन्हें चारा खिला कर आशीर्वाद लेने चाहिए.
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