Ashadha Vinayak Chaturthi 2022 Puja Vidhi: हिंदू धर्म में हर चतुर्थी तिथि (Chaturthi Vrat) को व्रत रखने और विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा करने का विधान है. हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) कहते हैं. भगवान गणेश के भक्त शुक्ल चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2022) को विनायक चतुर्थी का व्रत (Ashadha Vinayak Chaturthi Vrat) रखते हैं और प्रथम पूज्य माने जाने वाले देवता भगवान श्री गणेश जी (Lord Ganesh Puja Vidhi) की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं.
हिंदू धर्म शास्त्रों में आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी (Ashadh Vinayak Chaturthi vrat 2022) की महत्ता का वर्णन किया गया है. शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी (Ashadh Vinayak Chaturthi vrat 2022) को भगवान श्री गणेश की विधि पूर्वक पूजा करने और व्रत रखने से विघ्नहर्ता की कृपा प्राप्त होती है. श्री गणेश भगवान की कृपा पाने के लिए भक्तों को चाहिए कि वे विनायक चतुर्थी व्रत कथा (Ashadh Vinayak Chaturthi vrat Katha) जरुर पढ़ें.
विनायक चतुर्थी तिथि व मुहूर्त (Ashadh Vinayak Chaturthi Tithi and Muhurt)
- आषाढ़ चतुर्थी तिथि प्रांरभ- 2 जुलाई 2022 शनिवार को दोपहर बाद 03:16 मिनट से
- चतुर्थी तिथि समाप्त: 3 जुलाई रविवार को शाम 05:06 तक
- व्रत व पूजन का शुभ मुहूर्त: 3 जुलाई को सुबह 11:02 से दोपहर बाद 01:49 तक
विनायक चतुर्थी व्रत कथा (Ashadh Vinayak Chaturthi Vrat Katha)
विनायक चतुर्थी व्रत कथा के अनुसार, एक बार नर्मदा नदी के तट पर माता पार्वती और भगवान शिव समय व्यतीत करने के लिए चौपड़ खेल रहे थे. भगवान शिव ने एक मिट्टी के पुतले में जान डालकर उसे इस खेल के विजेता का निर्णय करने के लिए कहा. चौपाल खेल में तीनों बार भगवान शिव हार गए, परंतु निर्णय के समय उस बालक ने भगवान शिव को विजेता घोषित कर दिया. इससे माता पार्वती ने रुष्ट होकर उस बालक को श्राप दे दिया.
बालक ने अपनी गलती एहसास करते हुए माता पार्वती जी से क्षमा याचना की. तब माता पार्वती ने कहा कि श्राप वापस तो नहीं होगा परंतु श्रीगणेश की पूजा के लिए यहां नागकन्याएं आएंगी. तुम उनके बताये के अनुसार व्रत करना. तो श्राप मुक्त हो जाओगे. एक वर्ष बाद वहां नागकन्याएं आईं. तब बालक ने नागकन्याओं से व्रत विधि जानकर 21 दिनों तक भगवान श्री गणेश का व्रत व पूजन किया. तब भगवान श्रीगणेश के आशीर्वाद से वः बालक श्राप मुक्त हुआ.
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