Ashadhi Ekadashi 2022 Importance: एकादशी (Ekadashi Vrat 2022) के दिन का व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. आषाढी एकादशी (Ashadhi Ekadashi 2022) के दिन ही चातुर्मास (Chaturmas 2022) का प्रारंभ हो रहा है. इस बार आषाढी एकादशी 10 जुलाई 2022 को पड़ रही है. सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि इस दिन से 4 महीने के लिए भगवान विष्णु पाताल लोक में शयन करने के लिए चले जाएंगे. इसलिए इस दिन को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2022) के नाम से भी मनाया जाता है. कहीं कहीं पर इसे पावनी एकादशी भी कहा जाता है.
साल भर में 24 एकादशी की तिथियां पड़ती हैं. अधिक मास होने की अवस्था में एकादशी के तिथियों की संख्या 26 हो जाती है. हर एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है. लेकिन देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2022) के दिन की जाने वाली पूजा अर्चना से विशेष लाभ प्राप्त होता है.
आषाढी एकादशी व्रत का महत्व (Importance of Ashadhi Ekadashi Vrat 2022)
आषाढी एकादशी का व्रत (Ashadhi Ekadashi 2022) रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. घर धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है. परिवार में क्लेश या लड़ाई झगड़े बंद हो जाते हैं. लोगों की आर्थिक और सामाजिक उन्नति होती है. शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में आशातीत सफलता प्राप्त होती है. एकादशी का व्रत (Ashadhi Ekadashi 2022) रखने पर कारोबार में वृद्धि होती है. धन, यश, और कीर्ति बढती है. मनुष्यों के अंदर आत्मविश्वास की भावना जागृत होती है. वह कठिन से कठिन परिस्थितियों में अपने आप को ढाल लेते हैं.
चातुर्मास प्रारंभ हो जाने की अवस्था में यात्रा और देशाटन नहीं किया जाता है. इससे कारोबारियों को अपने कारोबार पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलता है. उनकी आर्थिक संपन्नता बढ़ती है. देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2022 Vrat) के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से प्रार्थना करने पर मनुष्य के सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं.
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