Ashwin 2023 Vrat Festival: आज से अश्विन माह शुरू, जानें पितृ पक्ष से शरद पूर्णिमा तक बड़े व्रत-त्योहार की डेट
Ashwin Vrat Tyohar 2023: 30 सितंबर से अश्विन महीना शुरू हो जाएगा. इस माह में नवरात्रि व्रत, संतान प्राप्ति के लिए जितिया व्रत, दशहरा आदि बड़े त्योहार मनाए जाएंगे, जानें कई महत्वपूर्ण त्योहार की लिस्ट
Ashwin Month 2023 Vrat Festival List: अश्विन माह 30 सितंबर 2023 से शुरू हो गया है, इसका समापन 28 अक्टूबर 2023 को होगा. अश्विन माह मां दुर्गा और पितरों की पूजा बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है.
इस माह में दान-धर्म करने वालों को इस लोक के साथ परलोक में भी सुख प्राप्त होता है. इस माह की पूर्णिमा के दिन अश्विनी नक्षत्र होता है इसलिए इसे अश्विन महीना के नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं अश्विन माह के व्रत-त्योहार की लिस्ट
दिनांक | व्रत-त्योहार |
2 अक्टूबर 2023 | विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी |
6 अक्टूबर 2023 | जितिया व्रत, महालक्ष्मी व्रत पूर्ण, कालाष्टमी |
10 अक्टूबर 2023 | इन्दिरा एकादशी |
11 अक्टूबर 2023 | बुध प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
12 अक्टूबर 2023 | अश्विन मासिक शिवरात्रि |
14 अक्टूबर 2023 | अश्विन अमावस्या, सूर्य ग्रहण, सर्वपितृ अमावस्या |
15 अक्टूबर 2023 | शारदीय नवरात्रि, घटस्थापना, महाराजा अग्रसेन जयंती |
18 अक्टूबर 2023 | तुला संक्रांति, अश्विन विनायक चतुर्थी |
20 अक्टूबर 2023 | दुर्गा पूजा शुरू, कल्परंभ |
22 अक्टूबर 2023 | दुर्गा महाअष्टमी पूजा, संधि पूजा |
23 अक्टूबर 2023 | दुर्गा महानवमी पूजा, आयुध पूजा, पंचक शुरू |
24 अक्टूबर 2023 | दशहरा, दुर्गा विसर्जन, विजयादशमी |
25 अक्टूबर 2023 | पापांकुशा एकादशी |
26 अक्टूबर 2023 | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
28 अक्टूबर 2023 | अश्विन पूर्णिमा व्रत, कोजागर पूजा, शरद पूर्णिमा, मीराबाई जयंती |
अश्विन माह में 5 खास त्योहारों का महत्व
अश्विन का शुरुआती महीना पितरों के श्राद्ध, तर्पण के लिए समर्पित है. इस दौरान संतान प्राप्ति के लिए जितिया व्रत किया जाता है. इसमें स्त्रियां निर्जला व्रत रख बच्चे की खुशहाली के लिए कामना करती हैं. वहीं दूसरा बड़ा पर्व है सर्वपितृ अमावस्या. इस दिन समस्त पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है, जिन लोगों को तिथि याद न हो वह इस दिन तर्पण, पिंडदान कर पूर्वजों को प्रसन्न कर सकते हैं.
इसके अगले दिन से मां दुर्गा की उपसाना का पर्व शारदीय नवरात्रि आरंभ होता है. 9 दिन 9 देवी के स्वरूपों की पूजा से हर कष्ट दूर हो जाते हैं. नवरात्रि की दशमी के दिन दुर्गा विसर्जन होता है, इसी के साथ चौथा बड़ा पर्व दशहरा मनाया जाता है. जो बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है. आखिरी में शरद पूर्णिमा का पर्व देवी लक्ष्मी को समर्पित है. इस दिन देवी लक्ष्मी समुद्र से प्रकट हुईं थी, मान्यता है इस दिन धन लक्ष्मी की पूजा करने वालों को सालभर धन की कमी नहीं होती.
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