Shukra Pradosh Vrat 2022: शुक्र प्रदोष व्रत आज, जानें मुहूर्त, शत्रु पर विजय पाने के लिए ऐसे करें महादेव की पूजा
Shukra Pradosh Vrat 2022 Puja: 7 अक्टूबर 2022 को अश्विन माह का शुक्र प्रदोष व्रत है. जानते हैं शुक्र प्रदोष व्रत का मुहूर्त और पूजा विधि.
![Shukra Pradosh Vrat 2022: शुक्र प्रदोष व्रत आज, जानें मुहूर्त, शत्रु पर विजय पाने के लिए ऐसे करें महादेव की पूजा Ashwin Shukra pradosh vrat 7 october 2022 Shubh yoga Puja Muhurat Vidhi Shukra Pradosh Vrat 2022: शुक्र प्रदोष व्रत आज, जानें मुहूर्त, शत्रु पर विजय पाने के लिए ऐसे करें महादेव की पूजा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/10/06/e4254f3b4c35826c13ad62c30022cc601665077670525499_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Ashwin Shukra Pradosh Vrat 2022: 7 अक्टूबर 2022 को अश्विन माह का प्रदोष व्रत बेहद शुभ संयोग में रखा जाएगा. भगवान भोलनाथ की उपासना के लिए प्रदोष का दिन बहुत पुण्यकारी माना जाता है. शुक्रवार को होने से यह शुक्र प्रदोष व्रत कहलाएगा. पौराणिक मान्यता के अनुसार प्रदोष काल के समय भगवान भोलेभंडारी प्रसन्न होकर कैलाश पर नृत्य करते हैं, इस दौरान उनकी आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. जीवन खुशियों से भर जाता है. आइए जानते हैं शुक्र प्रदोष व्रत का मुहूर्त और पूजा विधि.
शुक्र प्रदोष व्रत 2022 शुभ मुहूर्त (Shukra Pradosh 2022 Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 07 अक्टूबर 2022, सुबह 7.26 मिनट पर होगी और समापन 08 अक्टूबर 2022 को सुबह 5.24 मिनट पर होगा.
शुक्र प्रदोष पूजा मुहूर्त - शाम 6.07 - रात 8.28 (7 अक्टूबर 2022)
शुक्र प्रदोष व्रत 2022 शुभ योग (Shukra Pradosh 2022 Shubh yoga)
अश्विन शुक्र प्रदोष व्रत पर यानी कि आज वृद्धि और रवि योग का संयोग बन रहा है. शास्त्रों के अनुसार वृद्धि योग में कोई भी शुभ कार्य करना सफल होता है. वहीं रवि योग में पूजा करने से साधक को तेज, बल और यश की प्राप्ति होती है.
- रवि योग - 7 अक्टूबर 2022, शाम 06.17 - 8 अक्टूबर 2022, सुबर 06.23
- वृद्धि योग - 7 अक्टूबर 2022, रात 11.31 - 8 अक्टूबर 2022, रात 8.54
शुक्र प्रदोष व्रत विधि (Shukra Pradosh Puja vidhi)
- प्रात: काल उठकर स्नान आदि के बाद स्वस्छ वस्त्र धारण करें और शिव के समक्ष व्रत का संकल्प लें.
- सुबह भोलेनाथ के मंदिर अभिषेक करें और फिर संध्या काल में शुभ मुहूर्त में घर में शिवलिंग का जलाभिषेक करें.
- महादेव को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, चढ़ाएं और सफेद चंदन से शिवलिंग पर त्रिपुंड बनाएं. अक्षत, भस्म, धतूरा, बेलपत्र,भांग अर्पित करें.
- भोलेनाथ को शमी पत्र चढ़ाकर 11 बार 'ऊँ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें. मान्यता है ऐसा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी. शिव चालीसा का पाठ करें
- अंत में आरती करें और व्रत का पारण सात्विक भोजन से करें.
Diwali 2022: दिवाली से पहले घर से निकाल दें 5 अशुभ चीजें, मां लक्ष्मी होती है नाराज
Karwa Chauth 2022: करवा चौथ के दिन कर लें ये 5 टोटके, वैवाहिक जीवन में जिंदगीभर बनी रहेगी मिठास
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)