ज्योतिष शास्त्र में किसी भी ग्रह का गोचर या युति का सीधा असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है. सूर्य देव कुंभ राशि में गोचर कर चुके हैं और कुंभ राशि में पहले से ही गुरु विराजमान है. ज्योतिष में इस युति को बहुत ही शुभ माना गया है. क्योंकि इन दोनों ग्रहों के बीच मित्रता का भाव होने के कारण ये युति कई राशियों के जातकों के लिए शुभ फलदायी होगी.वैसे तो सूर्य और गुरु ग्रह का प्रभाव कई राशियों पर पड़ेगा लेकिन 3 राशियों पर इसका विशेष प्रभाव पड़ेगा. आइए जानें इन राशियों के बारे में. 


मेष राशि: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेष राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य और गुरु ग्रह की युति 11वें भाव में बन रही है. इस भाव को इनकम का भाव माना जाता है. इसलिए इस युति के दौरान आय में वृद्धि हो सकती है. आय के नए रास्ते खुलेंगे. फिजूल खर्चों में लगाम लगाएं. इतना ही नहीं, व्यापार में निवेश के लिए ये समय अनुकूल है. मेष राशि के का स्वामी ग्रह मंगल है और सूर्य और गुरु का मंगल ग्रह से मित्रता का भाव है. इसलिए ये युति शुभ फलदायी होगी. 


वृष राशि: इस राशि में ये युति दशम भाव में बन रही है, जिसको कर्म, करियर का भाव माना जाता है. नए जॉब का ऑफर आ सकता है. या फिर जॉब में प्रमोशन के भी आशंका है. बॉस से संबंध अच्छे रहेंगे. बिजनेस में अच्छा धन लाभ हो सकता है. इतना ही नहीं, बिजनेस में नए संबंध बन सकते हैं, जिसका फायदा आपको भविष्य में दिखाई देगा.  


मकर राशि: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर राशि से सूर्य और गुरु की युति दूसरे भाव में बन रही है. इसे धन और वाणी का भाव कहा जाता है. इस युति से आकस्मिक धनलाभ हो सकता है. इतना ही नहीं, व्यापार में नई डील हो सकती है, जिसका फायदा भविष्य में देखने को मिलेगा. 


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