Unauspicious Yog In Kundali: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में ग्रहों की स्थिति का व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव पड़ता है. मान्यता है कि ग्रहों की शुभ स्थिति में व्यक्ति आर्थिक रूप से तरक्की करता है. वहीं, अशुभ स्थिति व्यक्ति को कर्ज में डुबो देती है. शुभ ग्रहों की स्थिति में व्यक्ति ऋण भी देता है और उसे समय से चुका भी देता है. कुंडली में अशुभ ग्रहों की स्थिति व्यक्ति को कर्ज में डुबो देती है. जिस कारण जीवन में व्यक्ति को धन से जुड़ी हुई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं कुंडली में कौन से ग्रह ऐसी स्थिति पैदा करते हैं. 


इन ग्रहों की स्थितियों के कारण होता है कर्ज


- जब कुंडली में 11वें भाव यानि लाभ स्थान का स्वामी 6, 8 या 12वें भाव में बैठा होता है तो ऐसे में जातक हमेशा कर्ज के बोझ में दबा रहता है. कुंडली में ग्रहों की अशुभ दशा से व्यक्ति को जीवनभर आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता है. 


- जन्म कुंडली में अगर 10वें भाव का स्वामी ग्रह 6, 8 या 12वें स्थान पर हो तो ऐसे जातकों को सगे संबंधियों से मान-सम्मान नहीं मिलता है. 


- कुंडली में दूसरे और 11वें भाव का स्वामी ग्रह 6, 8 या 12वें घर में जाकर बैठ जाए और मंगल-राहु धन स्थान पर हों तो ऐसे में जातक को गलत तरीके से धन संग्रह करने से बचना चाहिए. ऐसा धन कभी आबाद नहीं होता, बल्कि बर्बाद ही होता है.


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