सनातन धर्म में दीपक का विशेष महत्व बताया गया है. किसी भी देवी-देवता की पूजा के लिए उनके सम्मुख दीपक जलाया जाता है.आमतौर पर लोग घरों में पीतल, तांबे या फिर मिट्टी के दीपक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कई बार आपने लोगों को आटे का दीपक जलाते भी देखा होगा. ज्योतिष शास्त्र में बताया है कि जीवन की बड़ी परेशानियों को दूर करने और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आटे का दीपक जलाया जाता है. 


आटे के दीपक को लेकर मान्यता है कि ये विशेष दिनों में और विशेष परिस्थितियों में जलाए जाते हैं. किसी भी मनोकामना की पूर्ति के लिए आटा का दीपक घटते या फिर बढ़ते क्रम में जलाए जाते हैं. जैसे- 11 दिन, 21 दिन और 31 दिन. 


यूं लें आटे के दीपक का संकल्प 


- ज्योतिष शास्त्र के अनुसाप बजरंग बली के आगे आटे के दीपक जलाने से व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति, आर्थिक तंगी और शनि प्रकोप से छुटकारा मिलता है. 


- दूसरे दीपकों की तुलना में आटे के दीपक को ज्यादा शुभ और पवित्र माना गया है. मां अन्नपूर्णा देवी के आगे आटे का दीपक जलाने से घर से आर्थिक तंगी दूर होती है. 


-  बता दें कि कर्ज मुक्ति, शीघ्र विवाह, नौकरी, बीमारी, संतान प्राप्ति, खुद का घर, गृह कलह, पति-पत्नी में विवाद जैसे समस्याओं के लिए आटे के दीपक संकल्प  के अनुसार जलाए जाते हैं. 


- ज्योतिषीयों के अनुसार आटे के दीपक  1 से शुरू करते हुए 11 तक जलाए जाते हैं.  जैसे संकल्प के पहले दिन 1 फिर 2, 3, 4, 5 और 11 तक दीप जलाने के बाद 10, 9, 8, 7 ऐसे फिर घटते क्रम में दीपक जलाए जाते हैं. 


- अगर कोई व्यक्ति आर्थिक तंगी दूर करने के लिए आटे के दीपक जला रहा है, तो आटे के  दीपक में हल्दी मिलाकर गूंथ लें. और फिर इसे देसी घी या सरसों के तेल से जलाएं. 


- दीपक जलाने की संख्या पूरी होने से पहले ही अगर मनोकामना पूरी हो जाए, तो भी व्यक्ति को इसी नियम के अनुसार दीपक जलाने चाहिए. इसे बीच में छोड़ने से मनोकामना पूर्ति में दिक्कत आ सकती है. 


- शनिवार के दिन आटे के दीपक में सरसों का तेल डालकर जालने से व्यक्ति को शनि ढैय्या और शनि साढ़े साती से छुटकारा मिलता है. 


- मंगल दोष दूर करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में 11 दीपक का प्रण लिया जाता है. 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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