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Astrology : कुंडली में इन ग्रहों के कमजोर होने से बना रहता है गंभीर रोग होने का खतरा
Astrology : ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत व्यक्ति की कुंडली में बैठ ग्रहों की शुभ-अशुभता भी होने वाली बीमारियों का संकेत देती हैं.
![Astrology : कुंडली में इन ग्रहों के कमजोर होने से बना रहता है गंभीर रोग होने का खतरा Astrology Sun Moon and Venus are weak in the horoscope Chances of diabetes migraine and leucorrhea Astrology : कुंडली में इन ग्रहों के कमजोर होने से बना रहता है गंभीर रोग होने का खतरा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/10/693433cdac09ff1ed18af48ec466a60a_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Astrology, Health, Disease : कुंडली में विराजमान ग्रह, मनुष्य की सेहत को भी प्रभावित करते हैं. ग्रहों की कमजोर स्थिति रोग में भी वृद्धि करती हैं. समय रहते यदि इनका पता लगाकर उपाय न किया जाए तो स्थिति बिगड़ भी सकती है. आइए जानते हैं किन ग्रहों के कमजोर होने से कौन से रोग होने की संभावना बढ़ जाती है-
सूर्य (Sun)- ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है. सूर्य को अग्नितत्व और माध्यम कद वाला शुष्क ग्रह माना गया है. सूर्य पुरुष की कुंडली में दांयें और स्त्रियों के बायें नेत्र का कारक माना गया है. इसके कमजार होने पर व्यक्ति नजर प्रभावित होती है. इसके साथ यदि ये कुंडली में शुभ स्थिति में हैं तो व्यक्ति की हड्डियां मजबूत होती हैं. सूर्य जब कमजोर होता है तो इन रोगों के होने का खतरा बढ़ जाता है-
- क्षय
- पित्त
- नेत्र रोग
- हड्डी रोग
- हृदय रोग
- चर्म रोग
- गुप्त रोग आदि.
चंद्रमा (Moon)- ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. ये एक जलतत्व ओर दीर्घकद वाला जलीय ग्रह है. ये नेत्र, स्तन, फेफड़ा, मन, मस्तिष्क, उदर, मूत्राशय, रक्त, कफ आदि का कारक माना गया है. चंद्रमा शुभ होने पर शरीर में रक्तसंचार को ठीक रखता है. कमजोर होने ये रोग दे सकता है-
- कफ रोग
- मूत्र विकार
- मुख रोग
- नाक से जुड़ा रोग
- क्षय
- माइग्रेन
- प्रदर आदि रोग.
शुक्र (Venus)- ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को भोग विलास का कारक माना गया है. ये जलतत्व तथा मध्यम कद का जलीय ग्रह है. शरीर में ये जननेद्रिय, शुक्राणु, कपोल, गर्भाशय आदि का कारक माना गया है. शुक्र अशुभ होने पर इन रोगों के होने की संभावना बढ़ जाती है-
- मूत्र विकार
- वीर्य विकार
- गुप्त रोग
- विषजन्य रोग
- डायबिटीज
- फैट आदि.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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