Worship At Home Tips: हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. दैनिक दिनचर्या का हिस्सा है पूजा-पाठ. लगभग सभी घरों में पूजा का एक अलग स्थान होता है. हर कोई सुबह स्नान आदि के बाद भगवान की पूजा-ध्यान करता है. भगवान की कृपा बनी रहे, घर में सुख-शांत बनी रहे इसके लिए नियमित रूप से देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है. लेकिन कई बार होता है कि पूजा पाठ के बाद भी मन शांत नहीं होता. या पूजा के समय मन इधर-उधर भटकता है.
इतना ही नहीं, कई बार पूजा के बाद भी फल ही प्राप्ति नहीं होती. इसका कारण कई बार पूजा के समय होने वाली गलतियां भी होती हैं. ऐसे में पूजा के साथ होने वाली गलतियों पर ध्यान देना भी जरूरी है. ज्योतिष अनुसार पूजा के कुछ नियम होते हैं अगर पूजा के समय इन बातों का ध्यान रखा जाए, तो पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है. आइए जानें.
पूजा के समय रखें इन बातों का ध्यान
दिशा का रखें ध्यान
घर में स्थित मंदिर या पूजा स्थल हमेशा ईशान कोण उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए. मान्यता है कि ये दिशा भगवान के मंदिर के लिए सबसे शुभ मानी जाती है. वहीं, अगर पूजा घर दक्षिण-पश्चिम दिशा में है तो पूजा का फल कम मिलता है.
पूजा के समय इस दिशा में हो मुख
पूजा के समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आपका मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए. वहीं, मंदिर या भगवान का मुख पूर्व दिशा की ओर हो. साथ ही ये भी ध्यान रखें कि देवी-देवताओं की मूर्ति के सामने कभी पीठ करके न बैंठे.
आसन का इस्तेमाल करें
पूजा के समय इस बात का ध्यान रखें कि पूजा कभी भी जमीन पर बैठकर न करें. ज्योतिष अनुसार पूजा के दौरान आसन का इस्तेमाल करना जरूरी है. ऐसी मान्यता है कि बिना आसन पर बैठे पूजा करने से दरिद्रता आती है. इसलिए पूजा के समय साफ-सुथरे आसन का इस्तेमाल करें.
मंदिर में जलाएं दीपक
घर के मंदिर में सुबह-शाम दीपक अवश्य जलाएं. मान्यता है कि घर में दीये जलाने से भगवान की कृपा बनी रहती है.
पंचदेवों की करें पूजा
भगवान विष्णु, गणेश, महादेव, सूर्य देव और देवी दुर्गा को पंचदेव कहा जाता है. ऐसे में प्रतिदिन पूजा करते समय इन पंचदेवों का विशेष ध्यान करें. ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और भगवान की कृपा प्राप्ति होती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.