इस कारण इस राशि के जातकों को नहीं मिलती किसी काम में सफलता, कई बार खुद का ही कर बैठते हैं नुकसान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर राशि के जातकों का स्वभाव और भविष्य अलग होता है. किसी भी व्यक्ति की राशि के आधार पर उसके स्वभाव, व्यक्तित्व और भविष्य की गणना की जा सकती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर राशि के जातकों का स्वभाव और भविष्य अलग होता है. किसी भी व्यक्ति की राशि के आधार पर उसके स्वभाव, व्यक्तित्व और भविष्य की गणना की जा सकती है. आज हम ऐसे ही कुछ राशि के जातकों के बारे में जानेंगे, जो स्वभाव से थोड़ा गुस्सैल होते हैं. या फिर कई बार घमंडी हो जाने के कारण अपना ही नुकसान कर बैठते हैं. आइए जानें.
सिंह राशि- ज्योतिष के अनुसार सिंह राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है. सूर्य प्रधान लोगोंका स्वभाव राजा जैसा होता है. इस राशि के जातकों की राशि में अशुभ सूर्य व्यक्ति को ज्यादा बहुत जल्द दिलाता है. ऐसे में अहंकार की स्थिति बनने लगती है. ऐसे में जब पाप ग्रह जैसे राहु और केतु की दृष् इन जातकों पर पड़ती है, तो व्यक्ति अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाता. और गुस्से में ऐसा कदम उठा लेता है, कि खुद का ही नुकसान कर बैठता है. सिंह राशि के जातकों को अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए, नहीं तो ये उनके लिए मुसबीत बन सकता है.
ऐसे लोग रविवार के दिन सूर्य भगवान की पूजा करें. जिन लोगों के नाम का पहला अक्षर मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे से शुरु होता है, उनकी राशि सिंह होती है.
वृश्चिक राशि (Scorpio)- इस राशि के जातकों का गुस्सा बहुत तेज होता है. इन लोगों को गुस्से में शांत करना बहुत मुश्किल होता है. इस राशि का स्वामी ग्रह मंगल होता है. सभी ग्रहों में मंगल ग्रह सेनापति होता है. ऐसे लोगों को दूसरों को निर्देश या आदेश देना पसंद होता है. ऐसे में जब अशुभ ग्रहों की दृष्टि इन जातकों पर पड़ती है, तो ये गुस्से में अपना ही अहित कर लेते हैं. ऐसे में इन राशि के जातकों को थोड़ा संभल कर चलने की आवश्यकता है.
इनके गुस्से की वजह से लोग इनसे दूर रहना पसंद करेत हैं. और इस कारण खराब समय में ये खुद को अकेला महसूस करते हैं. ऐसे लोगों को क्रोध और अंहकार से बचने की कोशिश करनी चाहिए.
वाणी में मधुरता और स्वभाव में विनम्रता लाकर ही ये लोग दूसरों को अपना बना सकते हैं. और जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं. बता दें कि जिन लोगों का नाम इन अक्षर तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू से शुरू होता है, उनकी राशि वृश्चिक होती है.
मकर राशि (Capricorn)- मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं और इन्हें एक क्रूर ग्रह माना गया है. ज्योतिष अनुसार इस राशि के जातकों की कुंडली में शनि देव के अशुभ होने पर व्यक्ति का क्रोध दिनों-दिन बढ़ता जाता है. ऐसे लोगों कि वाणी भी खराब हो जाती है. अपने क्रोध के कारण इन लोगों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
इस तरह के लोगों का जीवन तनाव और कलह से भरा रहता है. प्रतिभाशाली होने के बाद भी ये इस चीज का लाभ नहीं उठा पाते. अपने क्रोध को कम करने के लिए शनिवार के दिन मकर राशि वालों को शनि मंदिर में शनि देव से जुड़ी चीजों का दान करना चाहिए. साथ ही, दूसरों की निंदा करने से भी बचें. जिन लोगों का नाम भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी, है, से शुरु होता है उनकी राशि मकर होती है.
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