Ayodhya Ram Mandir: राम जन्मभूमि अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो चुका है. इस बीच मंदिर के उद्घाटन, रामलला के अभिषेक और प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर है. बता दें कि मंदिर में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी 2024 की तारीख सुनिश्चित की गई है.

अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा सात हजार विशेष अतिथि और चार हजार संतों की मौजूदगी में पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि यानी 22 जनवरी 2024 को होगी. साथ ही इस ऐतिहासिक मौके में विश्वभर के 50 देशों और सभी राज्यों के लगभग 20 हजार लोग उपस्थित होंगे. प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए 20 दिसंबर से अक्षत वितरण अभियान शुरू हो जाएगा.  


प्राण-प्रतिष्ठा के बाद 48 दिनों की मंडल पूजा

तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय द्वारा बताया गया कि, अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी और इसके बाद यानी 24 जनवरी से मंडल पूजा का आयोजन किया जाएगा, जोकि 48 दिनों तक चलेगा. वहीं 23 जनवरी 2024 से आमजन भी भगवान के दर्शन कर सकेंगे. उत्तर भारत में इस पूजा को कई लोग नहीं जानते. लेकिन दक्षिण भारत में मंडल पूजा बहुत प्रचलित है. यह पूजा तीर्थ क्षेत्र के संन्यासी और पेजावर मठ पीठाधीश्वर जगद्गुरु माध्वाचार्य विश्व प्रसन्न तीर्थ के निर्देशन में 48 दिनों तक की जाएगी. मंडल पूजा में प्रतिदिन विराजित रामलला का रजत कलशों के द्रव से अभिषेक होगा. साथ ही विद्वान आचार्यों द्वारा चतुर्वेद और दिव्य ग्रंथों का पारायण भी किया जाएगा.

मंडल कालम

बता दें कि मंडल पूजा एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जोकि दक्षिण भारत में अधिक प्रचलित है. यह 41 दिनों से 48 दिनों की होती है. केरल में बना सबरीमाला अयप्पा मंदिर 41 दिनों की लंबी तपस्या के समापन का प्रतीक माना जाता है, जिसे ‘मंडल कालम’ कहा जाता है. इस पूजन के दौरान कई नियमों का पालन करना होता है. पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है. कहा जाता है कि मंडल पूजन की नियमित और विधिवत उपासना से श्रीहरि प्रसन्न होते हैं. भगवान राम भी श्रीहरि के अवतार हैं. ऐसे में अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में मंडल पूजन कराने का निर्णय लिया गया है. मंडल पूजा में कठोर नियमों का पालन भी किया जाता है, ये नियम किस प्रकार के हैं आइए जानते हैं-

मंडल पूजा-नियम

  • केरल में सबरीमला मंदिर में मंडल पूजा के दौरान 48 दिनों का व्रत रखा जाता है.
  • केरल में सबरीमला मंदिर में मंडल पूजा के दौराम 48 दिनों का व्रत रखा जाता है.
  • इस पूजा में 48 दिनों तक ब्रह्मचर्य, शुद्धता, त्याग का पालन किया जाता है.
  • पंचमनोविकारों से मुक्त रहकर प्रभु का स्मरण किया जाता है.

 

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