(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ram Yantra: राम यंत्र क्या है, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले गर्भ गृह में जो हुआ स्थापित
Ayodhya Ram Yantra: अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा धार्मिक अनुष्ठान का आज तीसरा दिन है. रामलला से पहले आज गर्भगृह में राम यंत्र को स्थापित किया गया. आइये जानते हैं क्या है राम यंत्र .
Ayodhya Ram Yantra: अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर दुनियाभर में चर्चा में है. 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. लेकिन इससे पहले प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान चल रहे हैं, जिसकी शुरुआत मंगलवार, 16 जनवरी से हो चुकी है.
प्राण प्रतिष्ठा के धार्मिक अनुष्ठान का आज तीसरा दिन है. आज गर्भगृह में रामलला की मूर्ति को स्थापित किया जाएगा. लेकिन गर्भगृह में रामलला की मूर्ति स्थापति करने से पहले गर्भगृह में राम यंत्र की स्थापना की गई है.
बता दें कि, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ राम यंत्र की स्थापना गर्भगृह में हुई. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर राम यंत्र क्या है और क्यों रामलला की मूर्ति से पहले इस यंत्र को प्रतिष्ठित या स्थापित किया गया.
क्या है राम यंत्र
हिंदू धर्म में हर देवता का एक यंत्र होता है, जिनकी उपसना पद्धति अलग-अलग होती है. ठीक इसी तरह से राम यंत्र की उपासना पद्धति भी विशेष है. मान्यता है कि, राम यंत्र जहां भी होता है, वहां वातावरण शुद्ध होता है, क्योंकि वह स्थान पवित्र हो जाता है. इसलिए लोग इसे अपने घर पर भी स्थापित करते हैं, जिससे कि घर पर सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहे.
यंत्र के ऊपर विराजेंगे रामलला
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने यंत्र को स्थापित कराया. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले विग्रह के आसन के नीचे राम यंत्र रखा गया. इसे दक्षिण भारत में तैयार किया गया है. विग्रह के सामने राम यंत्र रखा गया है, जोकि करोड़ों मंत्रों से अभिमंत्रित किया गया है. जिस तरह से भूमि पूजन के समय मंदिर की नींव में 5 शिलाओं के साथ अलग-अलग द्रव्यों को रखा गया था, उसी तरह से रामलला के आसन का भी पूजन हुआ है. आसन के नीचे कुल 45 द्रव्य रखे गए और नौ रत्नों में हीरा, पन्ना, मोती माणिक्य, पुखराज व लहसुनिया, मूंगा, नीलम, गोमेद के अलावा पारा, सप्तधान्य व विविध औषधियां हैं. इसके अलावा पहले कूर्म शिला और स्वर्ण निर्मित कच्छप, ब्रह्म शिला और तीन पिंडिका रखे गए.
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