Ramlala Pran Pratistha: रामलला की प्रतिमा की पहली झलक की तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं. आइए नजर डालते हैं रामलला की मूर्ति की पहली झलक की तस्वीर और इसपर बनी आकृति पर-
बताया जाता है कि रामलला की मूर्ति की लंबाई 4 फुट 3 इंच और चौड़ाई 3 फुट है. भगवान राम की मूर्ति निर्माण के लिए तो कई जगहों से पत्थर आएं लेकिन नेपाल, कर्नाटक और राजस्थान से आए पत्थरों में से किसी एक जगह के पत्थर का चुनाव हुआ है. गर्भ गृह में पांच वर्ष की आयु वाले राम की मूर्ति लगेगी जिसके हाथ में सोने का धनुष होगा जो पटना के महावीर मंदिर की ओर से आया है. गर्भ गृह काफी बड़ा है इसलिए शायद पुरानी मूर्ति दिखाई नहीं पड़ेगी, इसलिए नई मूर्ति लग रही है.
चूंकि यहां पांच वर्ष के बालस्वरूप रामलला की मूर्ति रहेगी. इसलिए यहां सीता या हनुमानजी की नहीं प्रतीमा लगेगी. पूरा रामदरबार उसके ऊपर वाले तल पर बना है. आंखों से पट्टी प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही हटेगी जिसे ‘नेत्र उन्मीलन’ विधि कहते हैं. भगवान के आंखों में पट्टी होती है और उसे खोला जाता है, फिर मंत्रों द्वारा प्राण प्रतिष्ठा की जाती है. प्राण प्रतिष्ठा का निम्नलिखित मंत्र है: –
ॐ अस्य श्री प्राण प्रतिष्ठा मंत्रस्य ब्रम्हा विष्णु महेश्वरा: ऋषयः। ऋग्यजु: सामानि छंदांसि। (परंपरा अनुसार मंत्र)
ऋगवेद में भी प्राण प्रतिष्ठा का एक मंत्र आता हैं:–
असुनीते पुनरस्मासु चक्षुः पुनः प्राणमिह नो धेहि भोगम्. ज्योक् पश्येम सूर्यमुच्चरन्तमनुमते मृळया नः स्वस्ति। (ऋगवेद 10.59.6)
रामलला की मूर्ति का विवरण
मूर्ति के सबसे उपर सूर्य नारायण की आकृति बनाई है, क्योंकि राम सूर्यवंशी क्षत्रिय कुल के थे. सूर्य की दाईं ओर शंख और चक्र की आकृति है जो भगवान विष्णू के हाथों में रहता है, सूर्य के बाईं ओर भगवान विष्णु के गदा की आकृति बनाई है, स्वास्तिक चिह्न बाईं ओर और ॐ चिह्न दाईं ओर बनाया है, यह दोनों सनातन धर्म का प्रतीक है. मूर्ति के सबसे नीचे कमल की आकृति है क्योंकि उनके चरण कमलों की तरह माना गया है. मूर्ति की दाईं ओर सबसे नीचे हनुमान जी की आकृति है और बाईं ओर गरुड़ (भगवान के वाहन) की आकृति बनी है. मूर्ति में भगवान विष्णु के दस अवतारों की भी आकृति बनाई गई है. क्रमांक इस प्रकार हैं :–
दाईं ओर: –
- मत्स्य अवतार
- कूर्म अवतार
- वराह अवतार
- नरसिंह अवतार
- वामन अवतार
बाईं ओर: –
- परशुराम अवतार
- राम अवतार
- कृष्ण अवतार
- बुद्ध अवतार
- कल्कि अवतार
बता दें कि, रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा रामानन्द सम्प्रदाय की विधि विधान से होगा. 22 जनवरी 2024 को इस प्रतिमा के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त होगी.
ये भी पढ़ें: त्रेतायुग में जब श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद लौटे, तो कैसे सजी अवध नगरी और कैसे हुआ था स्वागत
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]