Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम में अर्जी कैसे लगती है ? यहां जानें
Bageshwar Dham: मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम और पंडित धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता और आस्था किसी से छिपी नहीं है. आज जानते हैं बाबा बागेश्वर और बागेश्वर धाम से जुड़ी कुछ विशेष बातें-
Bageshwar Dham: बिहार की राजधानी पटना के नौबतपुर में बागेश्वर बाबा के नाम से मशहूर पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपने दरबार को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. जानकारी के अनुसार 17 मई तक यहां बाबा का दरबार लगाने वाले हैं. बाबा बागेश्वर से जुड़े कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो अक्सर पूछे तथा इंटरनेट पर सर्च किए जाते हैं. ये प्रश्न कौन से हैं और इनके उत्तर, आइए जानते हैं-
बागेश्वर धाम की पेशी कैसे होती है?
यहां अर्जी लगाने लोग दूर दूर से आते हैं. अर्जी लगने पर धीरेन्द्र शास्त्री उनका पर्चा पढ़कर उनकी समस्याओं का निवारण करते हैं. यहां अर्जी लगाने की एक प्रक्रिया है. लेकिन इतना ही पर्याप्त नहीं है, अर्जी लगने के बाद बागेश्वर धाम में पेशी लगाना भी आवश्यक माना जाता है. बताया जाता है कि जब दरबार में किसी की अर्जी लगती है तो बागेश्वर धाम दरबार में धीरेन्द्र शास्त्री खुद बता देते हैं कि उस श्रदालु को कितनी पेशी करने की जरुरत है. बागेश्वर धाम की इंटरनेट वेबसाइट की सूचना के हिसाब से कम से कम 5 मंगलवार की पेशी हर भक्त को करने का कहा जाता है.
बागेश्वर धाम में अर्जी कैसे लगती है ?
दूसरा महत्वपूर्ण प्रश्न आता है कि बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने की प्रक्रिया क्या है? जानकारी के मुताबिक जिस किसी को भी बागेश्वर धाम में अपनी अर्जी लगवानी होती है वो धाम पर जाकर रंगीन कपड़े में एक नारियल बांधकर बागेश्वर धाम परिसर में रख दे. यहां पर लाल, पीले और काले कपड़े में नारियल को बांधते है. यदि अर्जी सामान्य है तो लाल कपड़ा, अगर शादी-विवाह से जुड़ी अर्जी है तो पीला कपड़ा और अगर प्रेत बाधा से जुड़ी अर्जी है तो नारियल को काले कपड़े में बांध कर रखते हैं.
बागेश्वर धाम के सन्यासी बाबा कौन थे?
बागेश्वर धाम से जुड़े लोगों की मानें तो संन्यासी बाबा दरअसल धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के परदादा थे. कहा जाता है कि उन्होंने ही बागेश्वर धाम बालाजी का मंदिर बनवाया था. आसपास के इलाकों में उनकी विशेष मान्यता थी, वे भी समस्याओं का निदान किया करते थे.
बागेश्वर धाम क्यों प्रसिद्ध है?
बागेश्वर धाम भगवान हनुमान के मंदिर के लिए विख्यात है. पौराणिक मान्यता के अनुसार बागेश्वर धाम अनेक तपस्वियों की दिव्य भूमि रही है. लोगों में ऐसी आस्था है कि बागेश्वर धाम में दर्शन मात्र से ही मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.
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