Bageshwar Dham Patna Highlights: पटना में समाप्त हुआ 5 दिवसीय बागेश्वर धाम का दिव्य दरबार, धीरेंद्र शास्त्री बोले-वादा करके जा रहे हम फिर आएंगे
Bageshwar Dham Patna Live: पटना के नौबतपुर तरेत पाली मठ में बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री का दिव्य दरबार चल रहा है. पटना में श्री हनुमंत कथा वाचन का आज चौथा दिन है.
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Bageshwar Dham Patna Live: मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम सरकार और पीठाधीश्वर महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चर्चा चारों ओर है. बिहार की राजधानी पटना में नौबतपुर स्थित तरेत पाली मठ में पांच दिवसीय श्री हनुमंत कथा का आज चौथा दिन है.
नौबतपुर में 189 साल पुराने तरेत पाली मठ के पास धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार के लिए भव्य पंडाल लगाया गया है. यहां बिहार, यूपी, झारखंड समेत दूर दराज के इलाके से भी भक्त पहुंच रहे हैं. बता दें कि बाबा ने पहले ही बिहार के पटना में दिव्य दरबार करने का ऐलान किया था. अब बाबा का दिव्य दरबार लगते ही भक्त अर्जी लगा रहे हैं और बाबा भी दिव्य दरबार में अपने भक्तों की समस्याएं सुनकर समाधना, निदान और उपाय बता रहे हैं.
कब लगेगा बिहार में अगला दिव्य दरबार
पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बिहार के पटना में पांच दिवसीय दिव्य दरबार 17 मई 2023 को समाप्त हो जाएगा. इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री का अगला दिव्य दरबार 27 सितंबर को बिहार के गया में लगेगा और श्री हनुमंत कथा भी होगी. इसका ऐलान खुद धीरेंद्र शास्त्री ने पटना के तरेत पाली मठ से किया है. कथावाचक के दौरान बाबा के कहा कि, हम जाएंगे गया फिर आएंगे पटना. आपके दिल में हनुमान जी की भक्ति कभी न चाहिए घटना.
धीरेंद्र शास्त्री अपने चमत्कारों को लेकर देश-विदेश तक मशहूर हैं. बाबा के दिव्य दरबार में अर्जी लगाने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. धीरेंद्र शास्त्री भक्तों का पर्चा पढ़कर उनकी समस्याओं का हल करते हैं. आज भी बाबा के दरबार में अर्जी लगाने की प्रकिया चल रही है. मान्यता है कि जो व्यक्ति अपनी अर्जी बागेश्वर धाम में लगाता है, बाबा धीरेंद्र शास्त्री उनकी समस्याओं को एक कागज में लिखकर उपाय बताते हैं. बाबा पर कई लोगों की अपार श्रद्धा है. कुछ भक्त तो उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं. कहा जाता है कि धीरेंद्र शास्त्री पर बालाजी हनुमान की असीम कृपा है और उन्हें कई सिद्धियां भी प्राप्त हैं.
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कैसे पहुंचें बागेश्वर धाम
आप बागेश्वर धाम मंदिर सड़क मार्ग, ट्रेन या हवाई मार्ग से जा सकते हैं. भोपाल से बागेश्वर धाम की दूरी करीब 365 किलो मीटर है. अगर आप ट्रेन से जाना चाहते हैं तो बागेश्वर धाम छतरपुर रेलवे स्टेशन या खजुराहो रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं. बागेश्वर धाम जाने के लिए यहां आपको टैक्सी या बस आसानी से मिल जाएगी. अगर सड़क मार्ग से बागेश्वर धाम मंदिर जाना चाहते हैं तो पहले खजुराहो पहुंचना पड़ेगा. इसके बाद पन्ना रोड पर पन्ना गंज नाम के छोटे से कस्बे से 35 किलो मीटर दूर आकर आप यहां पहुंच सकते हैं.
धीरेंद्र शास्त्री बोले-जब तक तन में प्राण रहेंगे, तब तक आते रहेंगे
पटना में बागेश्वर धाम महाराज धीरेंद्र शास्त्री का पांच दिवसीय दिव्य दरबार आज समाप्त हो गया. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि, हम तो आज जा रहे हैं लेकिन वादा करके जा रहे हैं कि हम फिर आएंगे. बिहार में बहुत आनंद आया. यहां हनुमान जी की इतनी कृपा बरसी कि सब भूत भाग गए. आप सब मेरी आत्मा हो. जब तक मेरे तन में प्राण रहेंगे, तब हम बिहार आते रहेंगे.
बागेश्वर धाम में अर्जी स्वीकार होने पर सपने में दिखाई देता है यह जानवर
बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने के बाद आपकी अर्जी स्वीकार हुई है या नहीं इस बात का पता आपको सपने में चल जाता है. पंडित धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं, आपने सच्ची श्रद्धा और निष्ठा से अर्जी लगाई है तो आपको या घर के किसी सदस्य को लगातार 2 दिन तक सपने में बंदर दिखाई देंगे. अगर एक दिन बंदर दिखे तो इसका मलतब यह है कि आपकी अर्जी पहुंच चुकी है. अगर सपने में बंदर न दिखे तो समझिए कि आपकी अर्जी स्वीकार नहीं हुई. अर्जी स्वीकार कराने के लिए आपको फिर से 2-3 मंगलवार तक इस प्रकिया को दोहराने होगा. इससे आपकी अर्जी जरूर स्वीकार हो जाएगी.
ऐसे लगाई जाती है बागेश्वर धाम में अर्जी
बागेश्वर धाम में आपको अर्जी लगाने के लिए एक पर्ची पर अपनी समस्या लिखकर उसे लाल, पीले या काले कपड़े में नारियल के साथ बांधकर परिसर में रखना होता है. अर्जी सामान्य है तो लाल कपड़े में नारियल बांधें, शादी-विवाह से जुड़ी अर्जी है तो पीले कपड़े में नारियल बांधें और अर्जी प्रेत-बाधाओं से जुड़ी है तो काले कपड़े में नारियल बांधा जाता है. अगर आप दरबार में जाकर अर्जी नहीं लगा सकते हैं तो अपने घर के पूजास्थल में भी कपड़े में नारियल बाधकर अर्जी लगा सकते हैं. ऐसा विश्वास है कि घर पर लगाई गई अर्जी को भी बालाजी महाराज सुन लेते हैं.
बागेश्वर धाम का इतिहास
बागेश्वर धाम बालाजी का पुराना मंदिर है, जोकि छतरपुर के पास बागेश्वर धाम में स्थित है.1986 में इस मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ और इसके बाद मंदिर खूब प्रसिद्ध होता गया. 1987 में यहां धीरेंद्र शास्त्री के दादाजी संत सेतु लालजी महाराज का आगमन हुआ. इसके बाद 2012 में श्रद्धालुओं की समस्या का निराकरण करने के लिए दरबार की शुरुआत हुई और 2016 में बागेश्वर धाम में भूमि पूजन हुआ.