Muslim Festival: बकरीद के त्योहार को कुर्बानी के नाम से क्यों जाना जाता है?
Muslim Festival: बकरीद यानि ईद उल-फितर. इस्लाम धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व है. इसे कुर्बानी का पर्व भी कहा जाता है. आइए जानते हैं इस पर्व से जुड़ी विशेष बातें.
Bakrid: इस्लाम धर्म में बकरीद का त्योहार बेहद खास माना गया है. ये मुसलमानों के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इसे बकरीद को ईद उल- अजहा के नाम से भी जाना जाता है. इस्लामिक मान्यता के अनुसार, बकरीद के त्योहार को मुसलमान हजार सालों से हजरत इब्राहिम की याद में मनाते आए हैं. कहते हैं कि हजरत इब्राहिम ने अल्लाह पर विश्वास जताने के लिए अपने बेटे इस्माइल की बलि देने के लिए तलवार उठाई और उसके बाद जैसे ही वह तलवार चलाने ही वाले थे तभी अल्लाह ने अपना आशीर्वाद दिखाते हुए उनके बेटे की जगह एक बकरी का सिर रख दिया और उसके बाद उनकी जगह उसका सिर कट गया. इसलिए हर वर्ष कुर्बानी का त्योहार मनाया जाता है.
बकरीद के त्योहार क्या संदेश देता है
- जीवन में त्याग क्या महत्व है, ये त्योहार बताता है- बकरीद को कुर्बानी के त्योहार के नाम से भी जाना जाता है और यह त्योहार इसलिए भी मनाया जाता है ताकि इस दिन व्यक्ति अपने सारे गलत कामों को छोड़कर अल्लाह के प्रति मन में पवित्रता की भावना उत्पन्न करें. व्यक्ति को जीवन की सारी गैरजरुरी चीजों को हटा देना चाहिए और हमेशा हंसी खुशी के साथ जीवन को आगे बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए. यहीं सच्चा त्याग है अल्लाह के प्रति.
- भाईचारे का प्रतीक है बकरीद का त्योहार- बकरीद का त्योहार दुनिया का हर मुसलमान एक साथ मनाते है. इसको इस्लाम में एकता और भाईचारे के प्रतीक पर मनाया जाता है क्योंकि इस दिन सारे मुसलमान एक साथ मस्जिद में जाकर अल्लाह के प्रति अपनी भावना को प्रदर्शित करते हैं.
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