विष्णु पूजा में इस पौधे का है विशेष महत्व, मांगलिक दोष को ऐसे दूर करता है
पुराणों के अनुसार, केले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना गया है. गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं. केले के वृक्ष को शुभता और संपन्नता का प्रतीक भी माना गया है. इसके पूजन से व्यक्ति को धनलाभ होता है. धन-धान्य की कमी नहीं होती है.
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा में केले के पेड़ के पत्ते और केला फल का अवश्य प्रयोग किया जाता है. ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुखी रहता है, सुख-संपत्ति प्राप्त होती है. केले के पेड़ का जड़, तना, पत्तियां और फल का इस्तेमाल पूजन में किया जाता है. यदि कोई व्यक्ति मांगलिक दोष से पीड़ित है तो ऐसे व्यक्ति की अगर केले के पेड़ से शादी करा दी जाए तो उसका मांगलिक दोष खत्म हो जाता है.
गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है और ऐसे लोगों की शादी में कोई रुकावट नहीं आती है. उन्हें अच्छा जीवनसाथी प्राप्त होता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. घर में आर्थिक सम्पन्नता भी आती है.इनको घर में लगाकर रखने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है और वास्तु शास्त्र के अनुसार नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश घर में नहीं होता.इसके पूजन के कई लाभ बताए गए हैं-इसके घर में होने से वैवाहिक जीवन की कठिनाइयां दूर होती है. अविवाहित कन्याओं का शीघ्र विवाह हो जाता है. उच्च शिक्षा और ज्ञान प्राप्ति में यह पौधा सहायक सिद्ध होता है, क्योंकि इसमें से लगातार शांतिमय और सकारात्मक ऊर्जा निकलती रहती है. केले की पूजा करने से गुरु दोष भी समाप्त होता है.
घर के मुख्य द्वार और पिछले हिस्से पर केले के पौधे को न लगाएं. केले के पौधे के आसपास साफ-सफाई रखें. केले के तने में लाल धागा बांधकर रखें.