Happy Basant Panchami 2023 Highlights: बसंत पंचमी पर आज कर लें ये उपाय, बरसेगी मां सरस्वती की कृपा
Happy Basant Panchami 2023 Highlights: पंचांग के अनुसार माघ की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि प्रारंभ हो चुकी है. इस तिथि को बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है. बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है.
बच्चों को बोलने में समस्या आती है तो बसंत पंचमी के दिन उसकी जीभ पर अनार की कलम या चांदी की सलाई से 'ऊं ह्रीं श्री सरस्वत्यै नमः’ मंत्र लिख दें. मान्यता है इससे उसकी भाषा स्पष्ट हो जाएगी. वह हमेशा पढ़ाई के लिए समर्पित रहेगा.
पौराणिक कथा के अनुसार जब ब्रह्माजी सृष्टि की रचना कर रहे थे तब संसार में वाणी नहीं थी. उन्होंने अपने कमंडल से पृथ्वी पर जल छिड़का, जिससे छह भुजाओं वाली शक्ति रूप स्त्री प्रकट हुईं, जिन के हाथों में पुस्तक, पुष्प, कमंडल, वीणा और माला थी. जैसे ही देवी ने वीणा वादन किया, चारों ओर वेद मंत्र गूंज उठे. इस देवी को मां सरस्वती का नाम दिया गया. जिस दिन देवी सस्वती का जन्म हुआ उस दिन माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी, तभी से बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की परंपरा शुरू हो गई. देवी सरस्वती को ब्रह्मा जी की पत्नी माना जाता है.
मां सरस्वती की पूजा के बाद आम की लकड़ी से अग्नि प्रज्वलित करें. हवन में सर्वप्रथम ‘ऊं गं गणपतये नम:’ स्वाहा मंत्र से गणेशजी एवं ‘ऊं नवग्रह नमः’ स्वाहा मंत्र से नवग्रह का स्मरण करें. इसके बाद ‘ॐ सरस्वतयै नमः स्वहा’ मंत्र के साथ हव्य और घी को कुंड में डालें. ऐसा 108 बार करें. अंत में नारियल पर मोली लपेट कर उसके ऊपर घी लगाएं और हवन कुंड में पूर्णाहुति दें. देवी सरस्वती की आरती करें इसके बाद हवन की भभूत का तिलक कर प्रसाद बांटें.
बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और दिन के मध्य भाग से पहले की जाती है. इसे पूर्वाह्न भी कहा जाता है. बसंत पंचमी की पूजा शुभ मुहूर्त में की जाती है. शुभ मुहूर्त में पूजा करना बेहद लाभकारी माना गया है. बसंत पंचमी पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक ही है. पूजा-पाठ और दान का कार्य इस समय से पहले कर लें.
बसंत पंचमी के दिन घर में मोरपंखी का पौधा भी लाना शुभ होता है. इस पौधे को घर की पूर्व दिशा में जोड़े में लगाना चाहिए. अगर आप संगीत के शौकीन हैं तो बसंत पंचमी के दिन कोई छोटा सा वाद्य यंत्र खरीद कर अपने घर लाएं. इस दिन एक छोटी सी बांसुरी खरीद कर भी आप मां सरस्वती को प्रसन्न कर सकते हैं. बसंत पंचमी के दिन घर में सरस्वती मां का कोई चित्र, मूर्ति या प्रतिमा लाना चाहिए. नया घर या वाहन खरीदने के लिए भी बसंत पंचमी का दिन बहुत शुभ होता है. माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन खरीदी गई नई चीजें घर में बरकत लाती हैं.
बसंत पंचमी के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए. इससे देवी मां की कृपा नहीं मिलती है. इस दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए और तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए. बसंत पंचमी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. इस दिन पेड़-पौधे काटने की भी मनाही होती है. किसी को अपशब्द कहने से बचें. बसंत पंचमी का दिन विद्या की देवी सरस्वती का दिन होता है इसलिए इस दिन भूलकर भी कलम, कागज, दवात या शिक्षा से जुड़ी चीजों का अपमान नहीं करना चाहिए. इसे सरस्वती मां नाराज होती हैं.
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए उन्हें मीठे केसरी भात यानी पीले चावल का भोग लगाया जाता है. आप आज पीली मिठाई भी चढ़ा सकते हैं. माना जाता है कि आज के दिन विद्या की मां सरस्वती को पीले रंग की चीजों का भोग लगाने से वह जल्द प्रसन्न हो जाती हैं. इस दिन पूजा में मां को पीले फूल अर्पित करने चाहिए.
या कुंदेंदु-तुषार-हार-धवला, या शुभ्रा - वस्त्रावृता,
या वीणा - वार - दण्ड - मंडित - करा, या श्वेत - पद्मासना।
या ब्रह्माच्युत - शङ्कर - प्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दित,
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि: शेष - जाड्यापहा।।
इस श्लोक का अर्थ है कि जो देवी कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोतियों के हार की तरह श्वेत वर्ण वाली है और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभा दे रहा है व जो श्वेत कमल पर विराजमान हैं, ब्रह्मा-विष्णु-शिव आदि देवताओं द्वारा जो हमेशा पूजित हैं तथा जो संपूर्ण जड़ता व अज्ञान को दूर करने वाली हैं, ऐसी हे माँ सरस्वती! आप हमारी रक्षा करें.
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा करने की परंपरा है. यह दिन ज्ञान, विद्या, बुद्धिमत्ता, कला और संस्कृति की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. शुभ मुहूर्त में देवी सरस्वती की पूजा विशेष फलदायी होती है. आज सरस्वती पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा.
ज्योतिषाचार्य पंडित सीताराम शर्मा के अनुसार, इस साल बसंत पंचमी का दिन बहुत ही विशेष होने वाला है. माघ की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर 12:35 से शुरू होकर 26 जनवरी सुबह 10:29 मिनट तक रहेगी. सर्वोदय पंचमी 26 जनवरी को होने से इसी दिन बसंत पंचमी मनाई जाएगी. वहीं अबूझ मुहूर्त के रूप में मान्यता प्राप्त होने से इस दिन शादी-विवाह की भी धूम रहेगी. वहीं अन्य शुभ-मांगलिक कार्य भी संपन्न होंगे.
गणपति पूजन: बच्चे के हाथ में रोली, अक्षत, पुष्प देकर सर्व प्रथम गणपति के इस मंत्र का जाप करते हुए गणेश जी की प्रतिमा पर अर्पित कराएं- गणानां त्वा गणपति हवामहे, प्रियाणां त्वा प्रियपति हवामहे, निधीनां त्वा निधिपति हवामहे, वसोमम। आहमजानि गभर्धमात्वमजासि गभर्धम्। गणपतये नम:। आवाहयामि, स्थापयामि, ध्यायामि॥
सरस्वती पूजन : एक फूल में हल्दी, रोली लगाएं और अक्षत संग इन सभी चीजों को बच्चे के हाथ में दें. अब इस मंत्र को बोलते हुए मां सरस्वती को चरणों में ये सामग्री अर्पित कर दें - पावका न: सरस्वती, वाजेभिवार्जिनीवती। यज्ञं वष्टुधियावसु:। सरस्वत्यै नम:। आवाहयामि, स्थापयामि, ध्यायामि।
दवात पूजन : दवात के बिना कलम अधूरी मानी जाती है. दवात के लिए स्याही या खड़िया को पूजा की चौकी पर स्थापित करें. अब इसपर मौली, रोली, अक्षत, पुष्प आदि बच्चे के हाथ से अर्पित कराएं.
इस मंत्र का जाप करें - देवीस्तिस्रस्तिस्रो देवीवर्योधसं, पतिमिन्द्रमवद्धर्यन्। जगत्या छन्दसेन्द्रिय शूषमिन्द्रे, वयो दधद्वसुवने वसुधेयस्य व्यन्तु यज।।
पट्टी पूजन: पट्टी यानी स्लेट, इसके पूजन के लिए संतान द्वारा मंत्रोच्चार के साथ पूजा स्थल पर स्थापित पट्टी पर पूजन सामग्री से उपासना करें. पट्टी पूजन के लिए मंत्र - सरस्वती योन्यां गर्भमन्तरश्विभ्यां, पतनी सुकृतं बिभर्ति। अपारसेन वरुणो न साम्नेन्द्र, श्रियै जनयन्नप्सु राजा॥
गुरु पूजन : विद्यारंभ संस्कार में गुरु पूजन का भी महत्व है. गुरु पूजन के लिए यदि बच्चे के गुरु उपस्थित हों तो उनकी पूजा की जानी चाहिए नहीं तो प्रतीक रूप में नारियल की पूजा की जानी चाहिए. गुरु को तिलक करें, पुष्प, माला, कलावा, फल आदि अर्पित करें और बालक से आरती करवाएं.
मंत्र - बृहस्पते अति यदयोर्ऽ, अहार्द्द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु, यद्दीदयच्छवसऽ ऋतप्रजात, तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।
उपयामगृहीतोऽसि बृहस्पतये, त्वैष ते योनिबृर्हस्पतये त्वा॥ श्री गुरवे नम:। आवाहयामि, स्थापयामि, ध्यायामि।
हवन : विद्यारंभ संस्कार का अंतिम चरण है हवन. हवन सामग्री में कुछ मिष्ठान मिलाकर पांच बार मंत्रोच्चार के साथ बच्चे से 5 बार आहूति डलवाएं. मंत्र - ऊं सरस्वती मनसा पेशलं, वसु नासत्याभ्यां वयति दशर्तं वपु:। रसं परिस्रुता न रोहितं, नग्नहुधीर्रस्तसरं न वेम स्वाहा। इदं सरस्वत्यै इदं न मम।
कुंभ राशि (Aquarius Horoscope): आपको नैतिक मूल्यों का आशीर्वाद मिलेगा. बसंत पंचमी पर गणतंत्र दिवस पर सोशल मीडिया पर आपके बिजनेस और प्रोडक्ट को फ्री में प्रमोट करने के लिए आपको ऑफर मिल सकता है. किसी बड़े प्रोजेक्ट को लेकर आपको सरकारी ऑफिस से बुलावा आ सकता है. जॉब बदलने की प्लैनिंग में आप कामयाब हो सकते हैं. डिनर और शॉपिंग की प्लैनिंग बनने से शादीशुदा जिंदगी में रिलेशन बेहतर होंगे. स्टूडेंट्स पढ़ाई के किए गए प्रयासों में सफलता हासिल करेंगे.
मकर राशि (Capricorn Horoscope): वासी, गजकेसरी, शिव और सुनफा योग के बनने से इलेक्ट्रॉनिक बिजनेस में इलेक्ट्रॉनिक आइटम की मार्केट वेल्यू बढ़ने से आपके रेवेन्यू में इजाफा होगा. आपके काम से खुश होकर आपका बॉस आपकी सैलरी बढ़ाने की बात आगे बढ़ा सकते है. कम बोलना और खर्चों में कटौती करना आपके लिए बेहतर रहेगा. शादीशुदा जिंदगी के लिए समय अनुकूल रहेगा. स्टूडेंट्स अपनी रुचि के हिसाब से दिन की शुरूआत करेंगे.
मकर राशि (Capricorn Horoscope): वासी, गजकेसरी, शिव और सुनफा योग के बनने से इलेक्ट्रॉनिक बिजनेस में इलेक्ट्रॉनिक आइटम की मार्केट वेल्यू बढ़ने से आपके रेवेन्यू में इजाफा होगा. आपके काम से खुश होकर आपका बॉस आपकी सैलरी बढ़ाने की बात आगे बढ़ा सकते है. कम बोलना और खर्चों में कटौती करना आपके लिए बेहतर रहेगा. शादीशुदा जिंदगी के लिए समय अनुकूल रहेगा. स्टूडेंट्स अपनी रुचि के हिसाब से दिन की शुरूआत करेंगे.
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वृश्चिक राशि (Scorpio Horoscope): बसंत पंचमी के दिन चन्द्रमा 5वें हाउस में रहेंगें जिससे संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है. आपको संतान की ओर से भी सुख मिलेगा. गजकेसरी, वासी, शिव और सुनफा योग के बनने से कपड़े के बिजनेस में पुराने और नए स्टॉक की बिक्री ऑनलाइन या ऑफलाइन होने से बिजनेस की तरक्की में इजाफा होगा. प्रॉपट्री और मांगलिक कार्यक्रम के लिए होने वाली यात्रा हो सकती है. लाइफ पार्टनर और बच्चों के साथ बेहतर टाइम बिता सकते हैं. स्टूडेंट्स के किए गए प्रयासों से उन्हें सफलता मिलेगी.
तुला राशि (Libra Horoscope): बिजनेस में प्लैनिंग से आप हर काम को आसानी से कर पाएंगे. प्रमोश या ट्रांसफर में थोड़ा समय लग सकता है. वैवाहिक जीवन में पार्टनर के साथ सुकून भरे पल बिताएंगे. फैमली में शेयर की गई समस्या आसानी से हल हो जाएगी. दोस्तों के साथ किसी दोस्त के विवाह में जाने की प्लैनिंग बन सकती है. सेहत के मामले से दिन सही रहेगा.
कर्क राशि (Cancer Horoscope): बसंत पंचमी के दिन व्यापार में कोई ऑर्डर मिलने से इनकम में वृद्धि होगी. गजकेसरी, शिव, सुनफा और वासी योग के बनने से आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा. सेहत को लेकर एलर्ट रहें. लाइफ पार्टनर के साथ पुरानी यादें ताजा करेंगे. किसी मांगलिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए यात्रा हो सकती है.
मिथुन राशि (Gemini Horoscope): बसंत पंचमी पर चन्द्रमा 10वें हाउस में रहेंगे जिससे नौकरी में प्रमोशन हो सकता है. बिजनेस में कई नए रास्ते खुलने से मुनाफे में वृद्धि होगी. किसी एमएनसी कंपनी से ज्वॉनिंग लेटर मिल सकता है. साथ ही आपकी सेहत में सुधार आएगा. रिश्तेदार के साथ हो रहे मतभेद दूर होंगे. लाइफ पार्टनर के साथ बेहतर टाइम बिताएंगे. बसंत पंचमी पर पूर्ण विधि-विधान के साथ माँ सरस्वती के चरणों में पीले पुष्पों व हरे रंग की कलम अर्पित करें और सरस्वती कवच का पाठ करें.
वृषभ राशि (Taurus Horoscope): बसंत पंचमी पर चन्द्रमा 11वें हाउस में रहेंगे जिससे आपको बड़ी बहन से कोई खुशखबरी मिल सकती है. बिजनेस में घाटे की भरपाई होगी. वर्कस्पेस पर सभी सहयोगियों का सहयोग रहेगा. जिससे आप तनाव मुक्त रहेंगे. कोई बड़ी सफलता आपके हाथ लगेगी. गजकेसरी, शिव, सुनफा और वासी योग के बनने से पहले किये गए निवेश में जमकर लाभ मिल सकता है. शादीशुदा जिंदगी में रोमांस का भरपूर आनंद ले पाएंगे.
धनु राशि (Sagittarius Horoscope): बसंत पंचमी के दिन चन्द्रमा चौथे भाव में रहेंगें जिससे भूमि-भवन के मामले सुलझेंगे. इवेंट मैनेजमेंट और खाने के बिजनेस में आर्डर आपके हाथ से निकल जाने के कारण आप थोड़े तनाव में रहेंगे. वर्कस्पेस पर सहकर्मी से डिबेट हो सकती है. पूर्व में की गई गलती पर अब आप पछताएंगे. शादीशुदा जिंदगी में किसी मांगलिक कार्यक्रम की ट्रीप की प्लैनिंग , फैमली समस्या को लेकर कैंसल करनी पड़ सकती है.
बसंत पंचमी पर अबूझ मुहूर्त रहता है, इस दिन मांगलिक कार्य और शुभ काम की शुरुआत करना उत्तम माना जाता है. पढ़ाई योग्य बालक और बालिकाओं के शिक्षा की शुरुआत करने के लिए बसंत पंचमी का दिन बहुत शुभ होता है.
बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी सरस्वती का पूजन करते समय इनमें से किसी एक मंत्र का जाप करना उत्तम होता है. मान्यता है कि ऐसा करने से सुख, धन, समृद्धि में वृद्धि होती है.
- ॐ ऐं क्लीं सौः॥
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै सरस्वत्यै नमः॥
- ॐ वद वद वाग्वादिनी स्वाहा॥
- ॐ वद वद वाग्वादिनी स्वाहा॥
- ॐ ऐं वाग्देव्यै विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्॥
- ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम्कारी। वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा॥
- शिव योग -सुबह 03:10 - दोपहर 03:29
- सर्वार्थ सिद्धि योग - 25 जनवरी, शाम 06:57 - 26 जनवरी, सुबह 07:12
- सिद्ध योग -26 जनवरी, दोपहर 03:29 - 27 जनवरी, दोपहर 1:22
- रवि योग -25 जनवरी, शाम 06:57 - 26 जनवरी, सुबह 07:12
- बसंत पंचमी पर- गुरुवार का दिन
- सरस्वती पूजा का समय - सुबह 07.07 - दोपहर 12.35
बसंत पंचमी के दिन पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नानादि कर साफ कपड़े पहन लें. फिर मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें. अब रोली, चंदन, हल्दी, केसर, चंदन, पीले या सफेद रंग के पुष्प, पीली मिठाई और अक्षत अर्पित करें. पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को भी रखें. फिर मां सरस्वती की वंदना का पाठ करें.
बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा के लिए ये सामग्रियां है जरूरी
• पीले रंग के फूल और माला
• लकड़ी की चौकी
• पीले रंग का कपड़ा बिछाने के लिए
• सफेद तिल के लड्डू
• सफेद धान के अक्षत
• पके हुए केले की फली का पिष्टक
• आम के पत्ते
• बैठने के लिए आसन
• धूप या अगरबत्ती
• घी
• दीपक और बाती
• मौसमी फल
• गुड़
• हल्दी, कुमकुम
• जल के लिए कलश या पात्र
• माचिस
• देवी सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर
• नारियल
• भोग के लिए मिष्ठान, केसर का हलवा या फिर केसरिया भोग
• सुपारी
• पूजा के लिए थाली
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पीले फूल-फल, पीले वस्त्र और पीले भोग अर्पित करें. इस दिन केसरयुक्त मीठे चावल पकाने चाहिए. बसंत पंचमी के दिन खुद भी पीले रंग के वस्त्र धारण कर पूजा करें. इससे देवी सरस्वती प्रसन्न होती हैं.
शास्त्रों में कामदेव को बसंत ऋतु का देवता कहा गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, बसंत पंचमी पर कामदेव की पूजा का महत्व है. इस दिन कामदेव की पूजा करने से चिरयौवन और शक्ति का वरदान मिलता है. साथ ही वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियां भी दूर होती है.
बंसत पंचमी को श्री पंचमी, मधुमास, सरस्वती पूजा, सरस्वती जयंती और ज्ञान जयंती जैसे नामों से भी जाना जाता है. बसंत पंचमी के दिन से ही वंसत ऋतु की शुरुआत हो जाती है. इसलिए इसे ऋतुरात बसंत भी कहा जाता है.
बसंत पंचमी के दिन गरीब व जरूरतमंद बच्चों में कलम, दवात, पेंसिल, कॉपी-किबातें शिक्षा से जुड़ी चीजें दान करनी चाहिए.आप किसी शिक्षण संस्थान या स्कूलों में जाकर भी इन चीजों का दान कर सकते हैं.
पौराणिक कथा के अनुसार, माघ शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि यानी बसंत पंचमी के दिन ही देवी सरस्वती का प्रकाट्य हुआ था. इसके बाद ही संसार को वाणी और ज्ञान की प्राप्ति हुई. इस दिन को देवी सरस्वती के जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. ज्ञान,विद्या,कला और वाणी का आशीर्वाद करने हेतु बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा का विधान है.
बसंत पंचमी के दिन अबूझ मुहूर्त रहता है, जिसमें शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य बिना मुहूर्त देखे किए जा सकते हैं. इसके साथ ही इस दिन सगाई,तिलक या फिर रिश्ता पक्का करना भी शुभ होता है. विवाह के लिए बसंत पंचमी पर सुबह से लेकर रात तक शुभ मुहूर्त रहेगा.
बसंत पंचमी के दिन को विद्यारंभ संस्कार यानी विद्या की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है. इसके लिए इस दिन पहले श्रीगणेश, मां सरस्वती और ईष्ट देव की पूजा करें. इसके बाद बच्चे का लिखना और पढ़ना आरंभ करें.
बसंत पंचमी का दिन गृह प्रवेश के लिए शुभ होता है. मान्यता है कि इस दिन गृह प्रवेश करने से घर पर सुख-शांति व समृद्धि बनी रहती है. गृह प्रवेश के लिए सुबह 7:15 से 10:28 तक का समय शुभ है. इसके बाद दोपहर 12:18 से दोपहर 01:01 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. इसमें भी गृह प्रवेश करना शुभ होगा.
बसंत पंचमी पर अबूझ मुहूर्त होता है. इसलिए किसी भी शुभ-मांगलिक कार्य के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है. बसंत पंचमी पर आप बिना मुहूर्त देखें इ 5 शुभ कामों को कर सकते हैं.
- विवाह
- मुंडन
- गृह प्रवेश
- नामकरण या अन्नप्राशन संस्कार
- भवन की नींव
नौकरी-प्रमोशन के लिए: ॐ वद वद वाग्वादिनी स्वाहा।
ज्ञान प्राप्ति के लिए: ॐ ऐं वाग्देव्यै विझहे धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।।
परीक्षा में सफलता के लिए: ॐ एकदंत महा बुद्धि, सर्व सौभाग्य दायक:। सर्व सिद्धि करो देव गौरी विनायक:।।
बुद्धि प्राप्ति के लिए: ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:
बसंत पंचमी के दिन शादी का जोड़ा, फेंगशुई पीली क्रिस्टल बॉल, मोरपंखी पौधा, देवी सरस्वती की प्रतिमा और भूमि-वाहन खरीदने से वृद्धि होती है. घर में बरकत बनी रहती है. मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है.
बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती को पीले रंग की पूजा समाग्री अर्पित करने के बाद इस मंत्र का एक माला जाप करें. मान्यता है इस मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति शिक्षा, कला, संगीत के क्षेत्र में अच्छे और बड़े मुकाम हासिल करता है.
या कुंदेंदुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणा वर दण्डमण्डित करा, या श्वेत पद्मासना।
या ब्रहमाऽच्युत शंकर: प्रभृतिर्भि: देवै: सदा वन्दिता। सा मां पातु सरस्वती भगवती, नि:शेषजाड्यापहा।।
मेष - बसंत पंचमी पर सफेद रंग के वस्त्र पहनकर सरस्वती कवच का पाठ करें.
वृषभ - ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः' मंत्र का 108 बार जाप करने से पढ़ाई की बाधा दूर होगी.
मिथुन - हरे रंग की कलम गरीब बच्चों को दान करें. इससे पढ़ाई में बच्चों की रुचि बढ़ेगी.
कर्क - गायत्री मंत्र का एक माला जाप करें. इससे बच्चे का मानसिक विकास होगा.
कन्या - बच्चों को किताबें और संगीत से जुड़ी वस्तुएं दान करें, इससे बच्चे की बोलने की समस्या खत्म होगी.
तुला - मां शारदा को मीठे पीले चावल का भोग लगाएं, इससे स्मरण शक्ति तेज और वाणी आकर्षित होती है.
26 जनवरी 2023, गुरुवार को सुबह स्नान के बाद शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश और मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें. रोली, चंदन, हल्दी, केसर, चंदन, पीले या सफेद रंग के पुष्प, पीली मिठाई, पीले अक्षत चढ़ाएं. पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को अर्पित कर उनकी पूजा करें. सरस्वती चालीसा का पाठ करें. इस दिन मां सरस्वती की वंदना का पाठ करना बहुत शुभ होता है. अंत में आरती कर पीली चीजों का दान करें.
बसंत पंचमी मां सरस्वती के पूजन के लिए पूजा की चौकी, चौकी पर बिछाने के लिए पीला कपड़ा, कुश का आसन, देवी सरस्वती-गणेश की मूर्ति, आम के पत्ते, पीले वस्त्र, पीले फूल, सुपारी, दूर्वा, हल्दी, रोली, मौली, पीले अक्षत, कपूर, घी, अष्टगंध, पीला चंदन, केसर, सफेद कम, पुस्तक, कलम, दवात, स्लेट, सिक्का, सिंदूर, वाद्य यंत्र, बेसन के लड्डू.
शिव योग - सुबह 03:10 - दोपहर 03:29
सिद्ध योग - 26 जनवरी, दोपहर 03:29 - 27 जनवरी, दोपहर 1:22
रवि योग - 25 जनवरी, शाम 06:57 - 26 जनवरी, सुबह 07:12
सर्वार्थ सिद्धि योग - 25 जनवरी, शाम 06:57 - 26 जनवरी, सुबह 07:12
पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू हो चुकी है. जो गुरुवार 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक रहेगी, इसलिए उदयातिथि के अनुसार बसंत पंचमी 26 जनवरी को मनाई जाएगी.
बैकग्राउंड
Happy Basant Panchami 2023 Highlights: बसंत पंचमी का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाया जाता है. इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. सभी धर्मों में ज्ञान के महत्व को बताया गया है. बसंत पंचमी का पर्व ज्ञान के महत्व को भी दर्शाता है. बसंत पंचमी की तिथि पंचांग के अनुसार आरंभ हो चुकी है. लोगों में इसे मनाने को लेकर कुछ संशय है. लेकिन मान्यता के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी को मनाया जाएगा.
गुरुवार के दिन बंसत पंचमी का पर्व पड़ रहा है. गुरुवार का संबंध भगवान विष्णु से है. विशेष बात ये है कि पंचमी की तिथि भी विष्णु जी की पूजा के लिए उत्तम मानी गई है. इसके साथ ही कई शुभ योग भी इस दिन बन रहे हैं, जो बसंत पंचमी के महत्व को कई गुणा बढ़ा देते हैं. इस दिन शिक्षा का प्रारंभ, किस शुभ कार्य को करने के लिए किसी भी प्रकार के मुहूर्त को देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है.
बसंत पंचमी पर पीले रंग का विशेष महत्व है. इस दिन लोग पीले वस्त्र पहनते हैं. पूजा में पीले पुष्प और मिष्ठान को चढ़ाया जाता है. बसंत पंचमी का ज्योतिषीय महत्व भी है. जिन लोगों की कुंडली में बुध या बृहस्पति ग्रह अशुभ फल दे रहा है, तो इस दिन विशेष पूजा और मंत्र का जाप कर काफी हद तक इन ग्रहों की अशुभता को दूर किया जा सकता है. इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
सरस्वती पूजा की विधि
बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत होकर साफ कपड़े पहनें. संभव हो तो इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनें. अब पूजा मंदिर या पूजास्थल की साफ-सफाई करें और गंगाजल छिड़कर इस जगह की शुद्धि कर लें. पूजा की चौकी पर पील रंग का कपड़ा बिछाएं और देवी सरस्वती की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें.
देवी सरस्वती के बगल में भगवान गणेश की मूर्ति भी जरूर रखें. चौकी के पास अपनी किताबें या कला से जुड़ी चीजें भी रखें. एक कलश में जलभरकर रखें और इसमें आम के पांच पत्ते की डली डालें और ऊपर नारियल रख दें. देवी सरस्वती को हल्दी, कुमकुम का तिलक लगाएं. पीले फूलों की माला पहनाएं और वस्त्र अर्पित करें. साथ ही साथ भगवान गणेश की भी पूजा करें.
पूजा में अक्षत, फल, सुपारी और भोग आदि अर्पित करें और फिर धूप-दीप जलाएं. हाथ जोड़कर सरस्वती मंत्र का जाप करें. अब आखिर में आरती करें और आशीर्वाद लें. इस दिन सरस्वती वंदना करना भी शुभ होता है. पूजा समाप्त होने के बाद भोग का वितरण करें.
बंसती पंचमी कब है?
पंड़ित सुरेश श्रीमाली के अनुसार बसंत पंचमी 25 को है या 26 को. बसंत पंचमी गुरुवार 26 जनवरी 2023 को ही है. क्योंकि सनातन धर्म में हर त्यौहार को उदयातिथि के अनुसार ही मनाया जाता है. और पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर गुरुवार 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक रहेगी, इसलिए उदयातिथि के अनुसार बसंत पंचमी 26 जनवरी को मनाई जाएगी.
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