Basant Panchami 2024 Date: बसंत पंचमी साल 2024 में कब ? नोट करें डेट, सरस्वती पूजा का मुहूर्त
Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी या सरस्वती पूजा का पर्व माघ माह में मनाया जाता है. इस दिन देवी सरस्वती की पूजा से हर कार्य में सफलता मिलती है. जानें साल 2024 में बसंत पंचमी की डेट, मुहूर्त और महत्व
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Basant Panchami 2024 Kab Hai: माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन विद्या, संगीत और कला की देवी सरस्वती की पूजा का विधान है. सनातन धर्म में मां सरस्वती की पूजा अचूक मानी गई हैं, क्योंकि इनकी कृपा के बिना बुद्धि, विद्या का आशीर्वाद नहीं मिलता.
छात्रों, कला से जुड़े लोगों के लिए ये दिन बहुत खास माना जाता है. बसंत पंचमी को श्री पंचमी, सरस्वती पंचमी, सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं नए साल 2024 में बसंत पंचमी की डेट, सरस्वती पूजा का मुहूर्त
बसंत पंचमी 2024 डेट (Basant Panchami 2024 Date)
बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024 बुधवार को मनाई जाएगी. देवी सरस्वती की कृपा से संसार के सभी जीव-जंतुओ को वाणी के संग बुद्धि और विद्या मिली थी. धर्म ग्रंथों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही प्रेम के देवता कामदेव और उनकी पत्नि रति की उपासना का भी विधान है.
बसंत पंचमी 2024 मुहूर्त (Basant Panchami 2024 Muhurat)
पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी 2024 को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगी. इस दिन सरस्वती पूजा सुबह करना श्रेष्ठ होता है.
- सरस्वती पूजा मुहूर्त (Saraswati Puja)- सुबह 07.00 - दोपहर 12.35
- अवधि - 5 घंटे 35 मिनट
बसंत पंचमी महत्व (Basant Panchami Significance)
पौराणिक कथा के अनुसार देवी सरस्वती, श्रीकृष्ण को देखा तो वो उनके रूप पर मोहित हो गई और पति के रूप में पाने की इच्छा करने लगी और भगवान कृष्ण को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने कहा कि वे तो राधा के प्रर्ति समर्पित है. ऐसे में सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए उन्होंने वरदान दिया कि विद्या की इच्छा रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को जो तुम्हारा पूजन करेगा, उसे हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी.
ज्ञान प्राप्ति और सुस्ती, आलस्य एवं अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिये, इस दिन देवी सरस्वती की उपासना करते हैं. कुछ प्रदेशों में आज के दिन शिशुओं को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है.
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