Shani Dev: जन्माष्टमी से दो दिन पूर्व शनि देव को प्रसन्न करने का बन रहा है संयोग, कृष्ण भक्तों को नहीं सताते हैं शनि देव, जानें क्या है इसकी वजह
Shani Dev: जन्माष्टमी (Janmashtami 2021) से पूर्व भाद्रपद मास (Bhadra 2021) के प्रथम शनिवार को शनि देव को शांत करने का विशेष संयोग बन रहा है.
Shani Dev, Mahima Shani Dev Ki: 30 अगस्त 2021, सोमवार के दिन जन्माष्टमी का पर्व पूरे भारत में मनाया जाएगा. लेकिन इससे ठीक दो दिन पूर्व शनि देव की पूजा का संयोग बन रहा है. शनि देव भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त है. भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी की तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था. भाद्रपद मास का प्रथम शनिवार पंचांग के अनुसार 28 अगस्त 2021 को पड़ रहा है. इस दिन भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी की तिथि और भरणी नक्षत्र रहेगा. मान्यता है कि भाद्रपद मास में पूजा करने से शनि देव बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं.
शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या
मकर राशि में वर्तमान समय में शनि विराजमान हैं. इस समय 5 राशियों पर शनि की विशेष दृष्टि है. जिसमे दो राशियों पर शनि की ढैय्या और तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती बनी हुइ है.
शनि वक्री 2021
मकर राशि में गोचर कर रहे, शनि देव वर्तमान समय में वक्री होकर मकर राशि में विराजमान हैं. माना जाता है कि शनि जब वक्री अवस्था यानि की उल्टी चाल में होते हैं तो पीड़ित हो जाते हैं. वक्री अवस्था में ग्रह की शक्तियां कमजोर हो जाती हैं.
श्रीकृष्ण भक्तों को शनि क्यों परेशान नहीं करते हैं
पौराणिक कथा के अनुसार शनि देव ने भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए मथुरा के कोसीकलां में कोकिलावन में कठोर तपस्या की. भगवान श्रीकृष्ण ने तपस्या से प्रसन्न होकर शनि देव को कोयल के रूप में दर्शन दिए. इस मंदिर की आज भी बहुत मान्यता है. भगवान श्रीकृष्ण के भक्त होने के कारण, शनि देव भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों को परेशान नहीं करते हैं.
शनि के उपाय
शनिवार को शनि देव की पूजा करें. शनि देव पर सरसों का तेल चढ़ाएं. इसके साथ ही शनि मंत्र और शनि चालीसा का पाठ करें.
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