(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bhadra Kaal Meaning: भद्रा काल क्या होता, क्यों इस काल को शुभ नहीं माना जाता है, जानें वजह
Bhadra Kaal Meaning: भद्रा काल क्या होता है, क्यों इस समय को अशुभ माना जाता है, जानें इस साल राखी पर भद्रा (Bhadra) का समय और शनि देव से क्या है भद्रा का संबंध.
Bhadra Kaal Meaning: भद्रा काल (Bhadra kaal) पंचाग (Panchang) में ऐसा समय होता है जिसे शुभ नहीं माना जाता है. इस काम में या इस मुहूर्त में शुभ कार्य करने पर मनाही होती है.
रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल (Bhadra kaal) को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन खासतौर पर इस काल में राखी (Rakhi) नहीं बांधी जाती. साल 2024 में रक्षाबंधन रा पर्व 19 अगस्त, 2024 सोमवार के दिन पड़ रहा है. इस दिन भद्राकाल दोपहर 1.30 बजे तक रहेगा. इसीलिए इस समय तर या सुबह के समय राखी ना बांधे.
साल 2024 में रक्षाबंधन पर भद्राकाल का समय
- रक्षा बन्धन भद्रा अन्त समय - 13:30
- रक्षा बन्धन भद्रा पूँछ - 09:51 से 10:53
- रक्षा बन्धन भद्रा मुख - 10:53 से 12:37
सभी हिन्दु ग्रंथ और पुराणों में भद्रा समाप्त होने के पश्चात रक्षा बन्धन विधि करने की सलाह देते हैं. भद्रा के समय को अशुभ माना जाता है. इसीलिए इस समय राखी ना बांधने की सलाह दी जाती है. रक्षाबंधन एक पवित्र भाई-बहन का पर्व है इसे शुभ-मुहूर्त में किया जाना चाहिए. आइये जानते हैं कौन है भद्रा, क्यों इसे अशुभ माना जाता है.
कौन हैं भद्रा? (Who is Bhadra?)
न्याय के देवता शनि देव (Shani Dev) की बहन (Sister) हैं भद्रा, भद्रा सूर्य देव (Surya Dev) और माता छाया की पुत्री हैं. इनका स्वभाव क्रोधी है, और उनका स्वरुप भयानक. पौराणिक कथा के अनुसार भद्रा (Bhadra) जन्म लेते ये संसार को खाने के लिए दौड़ पड़ी. यज्ञों को नष्ट कर दिया, मंगल कार्यों में उपद्रव करने लगी, सारे जगत को पीड़ा पहुंचाती. ऐसे में उसके दुष्ट स्वभाव और विकराल रूप को देकर सूर्य देव को ये चिंता सताने लगी कि आखिर इस कुरूप कन्या का विवाह कैसे होगा. विवाह योग्य होने पर जब सभी देवताओं ने भद्रा के विवाह का प्रस्ताव ठुकरा दिया. तब सूर्य देव ब्रह्माजी की शरण में पहुंचे.
ब्रम्हा जी ने भद्रा (Bhadra) को आशीर्वाद दे दिया की जहां मांगलिक और शुभ कार्य होते हैं वहां तुम्हारा निवास स्थान होगा. हे भद्रा तुम बव, बालव, कौलव, तैतिल आदि करणों के अंत में सातवें करण के रुप में स्थित रहो. इस तरह ब्रह्मा जी ने भ्रदा को समय का एक भाग दे दिया.
भद्रा ने ब्रह्मा जी (Brahama Ji) की यह बात मान ली और समय के एक अंश में विराजमान हो गई. इसलिए किसी भी शुभ काम का आरंभ भद्रा काल (Bhadra Kaal) में नहीं किया जाता है, भद्रा काल में किए गए मांगलिक कार्य कभी सफल नहीं होते.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.