Bhaum Pradosh Vrat 2023: भाद्रपद माह का भौम प्रदोष व्रत कब ? नोट करें डेट, मुहूर्त, महत्व
Bhadrapad Pradosh Vrat 2023 Date: भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत बहुत खास माना जा रहा है, इस दिन शिव संग बजरंगबली की विशेष कृपा बरसेगी. जानें भाद्रपद माह के प्रदोष व्रत की डेट, मुहूर्त और महत्व
Bhadrapad Pradosh Vrat 2023 Kab hai: हिंदू धर्म में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कई व्रत-त्योहार बताए गए हैं, जिनमें सबसे अधिक महत्व प्रदोष व्रत का माना जाता है. हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखने का विधान है. मान्यता है इस व्रत में शाम के समय जो शिव पूजा करता है उसके समस्त कार्य और मनोकामनाएं सिद्ध हो जाती है.
अभी भाद्रपद का महीना चल रहा है. भादो का पहला प्रदोष व्रत भौम प्रदोष व्रत होगा, इसलिए इसका महत्व और बढ़ गया है. आइए जानते हैं भाद्रपद माह के पहले प्रदोष व्रत की डेट, मुहूर्त और महत्व.
भौम प्रदोष व्रत 2023 डेट (Bhaum Pradosh Vrat 2023 Date)
सितंबर और भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत 12 सितंबर 2023, मंगलवार को रखा जाएगा. मंगलवार होने से ये भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा. शास्त्रों में सोम, शनि और भौम प्रदोष व्रत बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं. भौम प्रदोष व्रत में शिव पूजा करने से हनुमान जी की भी कृपा प्राप्त होती है.
भाद्रपद भौम प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त (Bhadrapad Bhaum Pradosh Vrat 2023 Muhurat)
पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 सितंबर 2023 को रात 11 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी और 13 सितंबर 2023 को प्रात: 02 बजकर 21 मिनट पर इसका समापन होगा.
- पूजा मुहूर्त - शाम 06.30 - रात 08:49
भौम प्रदोष व्रत महत्व (Bhaum Pradosh Vrat Significance)
शास्त्रों में हनुमान जी को शिव का रुद्रावतार बताया गया है. इस दिन भगवान शिव के साथ हनुमान जी की पूजा करने वालों के समस्त संकट खत्म हो जाते हैं. जिन लोगों को मांगलिक दोष है उन्हें भौम प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए, इससे विवाह और वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियों का नाश होता है. भौम प्रदोष व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है. साथी है शिव कृपा से परिवार को आरोग्य, आत्मविश्वास में वृद्धि का वरदान प्राप्त होता है. मंगल ग्रह की शांति के लिए ये व्रत बहुत खास है.
भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि (Bhaum Pradosh Vrat Puja Vidhi)
मंगलवार को त्रयोदशी तिथि में भगवान शिव की पूजा करने से बीमारियां और हर तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं. ऐसे में सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें, बजरंगबली को चोला चढ़ाएं. शाम को दोबारा स्नान के बाद शिव जी की विधिवत पूजा करें. मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत और पूजा से उम्र बढ़ती है और सेहत भी अच्छी रहती है.
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