Bhadrapad Pradosh 2022 Vrat: भाद्रपद माह में कई बड़े तीज-त्योहार मनाए जाते हैं. हर माह दो प्रदोष व्रत भी आते हैं. भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत 24 अगस्त 2022, बुधवार को है. प्रदोष व्रत त्रयोदशी की तिथि को मनाया जाता है. इस दिन व्रत रख भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. शिव शंभू की आराधना के लिए प्रदोष व्रत अत्यंत लाभकारी माना जाता है. आइए जानते हैं भादो प्रदोष व्रत में शिव पूजा का मुहूर्त और इस दिन कब और कैसे करें महादेव की पूजा.
भादो प्रदोष व्रत 2022 मुहूर्त (Bhado Pradosh 2022 muhurat)
भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि आरंभ - 24 अगस्त 2022, सुबह 08 बजकर 30 मिनट
भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त - 25 अगस्त 2022, सुबह 10 बजकर 37 मिनट
प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त - शाम 06 बजकर 52 मिनट से रात 09 बजकर 04 मिनट तक है.
पूजा अवधि - 02 घंटे 18 मिनट तक
भादो प्रदोष व्रत 2022 पूजा विधि (Bhado Pradosh puja vidhi)
- सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रदोष व्रत करना बहुत शुभ होता है. इस दिन प्रात काल उठकर स्नानदि से निवृत्त हो जाए और शिव शंभू के समक्ष व्रत का संकल्प लें.
- भोलेनाथ का स्मरण करें और षोडोपचार ने उनका पूजन करने. मां पार्वती और गणेश जी की पूजा करें.
- प्रदोष व्रत सायंकाल में महादेव की पूजा करना उत्तम माना गया है. दिन के ढलने और रात्रि की शुरुआत के बीच का समय प्रदोष काल कहलाता है. इस समय शिव शंभू की पूजा से विशेष लाभ मिलता है.
- प्रदोष काल में पति-पत्नी एक साथ मिलकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करें, उन्हें बेलपत्र, धतूरा, पुष्प, धूप, दीप, मिठाई आदि अर्पित करें.
- नैवेद्य लगाकर दंपत्ति शिव चालीसा का पाठ करें. मान्यता है इससे मां पार्वती और भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते हैं और पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं.
- अब कथा पढ़े और महादेव की आरती करें. अब व्रत का पारण करें. प्रदोष व्रत के प्रभाव से मनुष्य रोग, दोष, कष्टों से मुक्ति पाता है. साथ ही धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं.
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