Bhadrapad Month Parv: कल से शुरू होगा भाद्रपद मास का शुक्ल पक्ष, जानें इन दिनों के ये बड़े पर्व
कल से यानि 8 सितंबर से भादो मास का शुक्ल पक्ष आरंभ होगा. भाद्रपद चतुर्मास का दूसरा मीहना होता है. अब शुक्ल पक्ष के इन 15 दिनों में कौन-कौन से व्रत और त्योहार पड़ने वाले हैं आइए जानें.
Shukla Paksha Festival: भाद्रपद महीने का कृष्ण पक्ष आज समाप्त हो जाएगा और कल से यानि 8 सितंबर से भादो मास का शुक्ल पक्ष आरंभ होगा. भाद्रपद चतुर्मास का दूसरा मीहना होता है. बता दें कि धार्मिक दृष्टि से भादों महीना (bhado month) काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. हर महीना दो भागों में विभाजित होता है. एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष. पूर्णिमा से अमावस्या के बीच के समय को कृष्ण पक्ष कहा जाता है. वहीं, अमावस्या से पूर्णिमा तक का समय शुक्ल पक्ष कहलाता है. आज पिठोरी अमावस्या है और कल से शुरू होगा शुक्ल पक्ष. 15 दिन कृष्ण पक्ष और 15 दिन शुक्ल पक्ष होते हैं. अब शुक्ल पक्ष के इन 15 दिनों में कौन-कौन से व्रत और त्योहार पड़ने वाले हैं आइए जानें.
हरतालिका तीज (hartalika teej)- भादो मास के शुक्ल पक्ष का पहला व्रत हरतालिका तीज है. ये 9 सितंबर को देशभर में मनाई जाएगी. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और घर की सुख-समृद्धि के लिए व्रत का संकल्प लेती हैं. वहीं कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए इस दिन व्रत रखती हैं. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना की जाती है. कहते हैं इस दिन व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों को भी फल मिलता है.
गणेश चतर्थी (ganesh chaturthi)- 10 सितंबर को देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन लोग अपने घरों में गणपति (ganpati) की स्थापना करेंगे. इस दिन शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए लोग घरों में बप्पा (bappa) की स्थापना करते हैं और पूरे विदि-विधान के साथ उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. कहते हैं 10 दिन तक चलने वाले इन पर्व में लोगों के कष्ट और विघ्न दूर हो जाते हैं. 19 सितंबर को गणपति का विसर्जन किया जाएगा.
ऋषि पंचमी (rishi panchami)- गणेश चतुर्थी के अगले दिन ऋषि पंचमी मनाई जाती है. 11 सितंबर को ऋषि पंचमी मनाई जाएगी. इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं. कहते हैं कि इस दिन रजस्वला स्त्री के लिए व्रत करना जरूरी होता है.
स्कंद षष्ठी (skanda shashti)- 12 सितंबर को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी मनाई जाएगी. इस दिन भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की पूजा अर्जना की जाती है. स्कंद पुराण के अनुसार इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व बताया गया है.
राधा अष्टमी (radha ashtami)- भादो मास के शुक्ल पक्ष अष्टमी को राधा अष्टमी मनाई जाती है. जन्माष्टमी के 15 दिन बाद राधा अष्टमी होती है. इस दिन व्रत रखकर भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की विशेष पूजा का विधान है. इस बार राधा अष्टमी 14 सितंबर को मनाई जाएगी
कन्या संक्रांति (kanya sakranti)- 16 सितंबर को कन्या संक्रांति का व्रत किया जाएगा. इस दिन दान, स्नान आदि का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन सूर्य अपनी जगह बदलकर सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश करता है इसलिए इसे कन्या संक्रांति का नाम दिया गया है.
परिवर्तिनी एकादशी (parivartini ekadashi)- परिवर्तिनी एकादशी 17 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. कहते हैं कि इस दिन भगवान निंद्रा स्वरूप में करवट लेते हैं इसलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं. इस दिन भगवान के वामन अवतार की पूजा की जाती है. एकादशी का व्रत सभी व्रतों में काफी कठिन माना जाता है.
अन्नत चतुर्दशी (anant chaturdashi)- 19 सितंबर को भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अन्नत चतुर्दशी मनाई जाती है. इसमें भगवान विष्णु के अन्नत स्वरुप की पूजा की जाती है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं. इतना ही नहीं, इस दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है.
भाद्रपद पूर्णिमा (bhadrapad purnima)- 20 सितंबर को भाद्रपद मास की पूर्णिमा है. इस दिन भी व्रत रखने की परंपरा है. इसके अगले दिन यानि 21 सितंबर से अश्विन मास लग जाएगा और श्राद्ध आरंभ हो जाएंगे.
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