Bhadrapad Purnima 2023 Date: 29 सितंबर 2023 को भाद्रपद पूर्णिमा है. पूर्णिमा तिथि मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सबसे खास मानी गई है. पूर्णिमा का चांद 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है मान्यता है इस दिन चंद्र को अर्घ्य देने से समस्त मानसिक तनाव दूर होते हैं. वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है.

भाद्रपद पूर्णिमा के दिन से ही पितृ पक्ष शुरू हो जाते हैं, हालांकि इस दिन श्राद्ध नहीं किया जाता. इस साल भाद्रपद पूर्णिमा पर बहुत खास योग का संयोग बन रहा है, जिसमें सत्यनारायण की कथा करने से व्यक्ति को धन लाभ मिलेगा. आइए जानते हैं भाद्रपद पूर्णिमा मुहूर्त, शुभ योग, उपाय.

भाद्रपद पूर्णिमा 2023 मुहूर्त (Bhadrapad Purnima 2023 Muhurat)

भाद्रपद पूर्णिमा तिथि शुरू 28 सितंबर 2023, शाम 06.49
भाद्रपद पूर्णिमा तिथि समाप्त 29 सितंबर 2023, दोपहर 03.26
स्नान-दान मुहूर्त सुबह 04.36 - सुबह 05.25
सत्यनारायण पूजा सुबह 06.13 - सुबह 10.42
चंद्रोदय समय शाम 06.18
लक्ष्मी पूजा रात 11.18 - प्रात: 12.36, 30 सितंबर 2023

भाद्रपद पूर्णिमा 2023 शुभ योग (‌Bhadrapad Amavasya 2023 Shubh Yoga)

भाद्रपद पूर्णिमा के दिन 4 शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग, वृद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और ध्रुव योग का संयोग बन रहा है. जानकारों के अनुसार पूर्णिमा तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि और वृद्धि योग में लक्ष्मी पूजा करने से आर्थिक लाभ मिलता है, पूजा, मंत्र सिद्धि होते हैं और मां लक्ष्मी व्यक्ति पर मेहरबान रहती हैं.

  1. सर्वार्थ सिद्धि योग - अमृत सिद्धि योग - 29 सितंबर 2023, रात 11.18 - 30 सितंबर 2023, सुबह 06.13
  2. वृद्धि योग - 28 सितंबर 2023, रात 11:55 - 29 सितंबर 2023, रात 08.03
  3. ध्रुव योग - 29 सितंबर 2023, रात 08.03 - 30 सितंबर 2023, शाम 04:27
  4. अमृत सिद्धि योग - 29 सितंबर 2023, रात 11.18 - 30 सितंबर 2023, सुबह 06.13
  5. शुक्रवार - शुक्रवार और पूर्णिमा दोनों मां लक्ष्मी को प्रिय है, ऐसे में धन प्राप्ति के लिए इस दिन को पुण्यफलदायी माना जा रहा है.

भाद्रपद पूर्णिमा उपाय (Bhadrapad Purnima Upay)

भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष जरुर शुरू हो जाते हैं लेकिन श्राद्ध नहीं किया जाता है. ऐसे में पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें. मान्यता है पूर्णिमा के दिन पीपल में मां लक्ष्मी वास करती हैं.

पुराणों में कहा गया है कि इस भाद्रपद महीने की पूर्णिमा पर श्रद्धा अनुसार किए गए दान का पुण्य कभी खत्म नहीं होता. इससे इस लोक के साथ परलोक में भी सुख प्राप्ति होती है. इस दिन अन्न और जल दान से मानव, देवता, पितृ सभी को तृप्ति मिल जाती है.

October Vrat Festival 2023 List: नवरात्रि, दशहरा कब ? जानें अक्टूबर माह के व्रत-त्योहार

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.