Bhadrapad Purnima 2023 Date: भाद्रपद पूर्णिमा कब ? जानें डेट, मुहूर्त, सत्यनारायण पूजा महत्व
Bhadrapad Purnima 2023 Date: भाद्रपद पूर्णिमा बहुत खास है क्योंकि इस दिन से पितृपक्ष की शुरुआत हो जाती है. जानते हैं इस साल भाद्रपद पूर्णिमा की डेट, मुहूर्त और महत्व.
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Bhadrapad Purnima 2023 Kab Hai: पूर्णिमा की तिथि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है. भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप की पूजा की जाती है. भाद्रपद पूर्णिमा बहुत खास है क्योंकि इस दिन से पितृपक्ष की शुरुआत हो जाती है. इसलिए इसे श्राद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है.
पूर्णिमा तिथि पर मां लक्ष्मी का पूजन करने से घर में धन आगमन के रास्ते खुलते हैं. पितरों का तर्पण करने से परिवार में खुशियां आती है. आइए जानते हैं इस साल भाद्रपद पूर्णिमा की डेट, मुहूर्त और महत्व.
भाद्रपद पूर्णिमा 2023 डेट (Bhadrapad Purnima 2023 Date)
भाद्रपद पूर्णिमा 29 सितंबर 2023, शुक्रवार को है. पूर्णिमा और शुक्रवार दोनों ही मां लक्ष्मी को प्रिय है. ऐसे में इस दिन देवी लक्ष्मी की उपासना करने से ऐश्वर्य, कीर्ति और संपन्नता में वृद्धि होगी.
भाद्रपद पूर्णिमा 2023 मुहूर्त (Bhadrapad Purnima 2023 Muhurat)
पंचांग के अनुसार भाद्रपद पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 28 सितंबर 2023 को शाम 06 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 29 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर इसका समापन होगा.
- स्नान-दान मुहूर्त - सुबह 04.36 - सुबह 05.25
- सत्यनारायण पूजा - सुबह 06.13 - सुबह 10.42
- चंद्रोदय समय - शाम 06.18
- लक्ष्मी पूजा - रात 11.18 - प्रात: 12.36, 30 सितंबर 2023
भाद्रपद पूर्णिमा से शुरु होते हैं पितपृक्ष लेकिन नहीं होता इस दिन श्राद्ध
भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध पितृपक्ष का हिस्सा नहीं माना जाता है. जिन लोगों के पितरों का देहावसान पूर्णिमा तिथि को हुई होती है, वे सर्वपितृ अमावस्या के दिन उनका श्राद्ध कर्म करते हैं.सामान्यतः पितृ पक्ष, भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध के अगले दिन से आरम्भ होता है.
भाद्रपद पूर्णिमा महत्व (Bhadrapad Purnima significance)
कलयुग में सत्यनारायण देव की उपासना से व्यक्ति को धन और सुखी जीवन का आशीर्वाद मिलता है. भाद्रपद पूर्णिमा पर व्रत कर भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ने या सुनने से इंसान मोक्ष को प्राप्त करता है. व्यक्ति समस्त भौतिक सुखों को प्राप्त कर बैकुंठ लोक में जाता है. नारायण पुराण के अनुसार भाद्रपद पूर्णिमा पर उमा-महेश्वर का व्रत भी किया जाता है. इस दिन मां पार्वती और भोलेनाथ की उपासना करने से कई जन्मों के पाप और दोष का नाश होता है.
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