Bhadrapada Month 2021: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार भाद्रपद का महीना 23 अगस्त से शुरू हो रहा है जो 20 सितंबर तक चलेगा. ये महीना सावन के बाद आता है. इसे भादो भी कहते हैं. पुराणों में इस मास को  भक्ति और मुक्ति का माह कहते हैं. इस लिए भाद्रपद माह में लोगों को धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से नियम व संयम से रहना चाहिए और अपने खानपान पर भी संयम बरतना चाहिए. शास्त्रों में, भाद्रपद माह में कुछ खाद्य सामाग्रियों को वर्जित बताया गया है तो कुछ को खाने की छूट दी गई है. आइये जानें भादों में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?


क्या खाना चाहिए?



  • भादों महीने में शारीरिक और बौद्धिक शुद्धि के लिए शाकाहारी भोजन ही करना चाहिए. यह सेहत के अति उत्तम माना जाता है.

  • भाद्रपद मास, भगवान श्री कृष्ण के जन्म का माह है. मान्यता है कि इस माह में पंचगव्य श्री कृष्ण अर्पित कर सेवन करें. इससे सभी शारीरिक और मानसिक कष्ट कट जाते हैं.

  • भादो में गाय का दूध, गाय का घी और गाय के दूध से बने अन्य उत्पाद का सेवन करना चाहिए.

  • मान्यता है कि गाय के दूध का सेवन करने से वंश वृद्धि होती है.

  • गाय का दूध खाने से शक्ति मिलती है.

  • व्रत यानी उपवास रखना चाहिए.

  • गलत आदत और गलत संगत से दूर रहें.



क्या नहीं खाना चाहिए?



  • भाद्रपद मास में गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि भाद्रपद मास में गुड़ के सेवन से पेट संबंधी बीमारी होने का भी रहता है तथा बोलने में दिक्कत हो सकती है.

  • भादो के महीने में शहद नहीं ग्रहण करना चाहिए.

  • भाद्रपद मास में दही, दही -भात और दही से बने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि इससे कफ बनती है सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. इसके अलवा पेट भी ख़राब हो सकता है.

  • भादो मास में प्याज, लहसुन, अधिक मसाले वाली चीजें नहीं खाना चाहिए.

  • मूली और बैंगन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.

  • भाद्रपद मास में मछली, मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है. इसका त्याग करना चाहिए.

  • भाद्रपद मास में नारियल का तेल नहीं खाना चाहिए. कहा जाता है कि इससे संतांन सुख में कमी आती है.

  • माना जाता है कि किसी दूसरे व्यक्ति का दिया हुआ भात या चावल नहीं खाना चाहिए. इससे घर में दरिद्रता आती है.

  • इस माह में तिल का तेल नहीं खाना चाहिए, ये बीमारी का कारण बन सकता है.