Bhadrapada Month 2021: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाद्पद मास वर्ष का छठा महीना और चतुर्मास का दूसरा महीना है. इसे भादो भी कहते है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह मास अगस्त-सितंबर महीने में आता है.


हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास 23 अगस्त 2021 को शुरू हुआ था और 20 सितंबर 2021 को खत्म होगा. धार्मिक कार्यों को करने की दृष्टि से यह पावन मास अति उत्तम होता है. पुराणों में इस पवित्र मास को भक्ति और मुक्ति का मास कहा जाता है. इस मास कई महत्वपूर्ण त्योहार भी पड़ते हैं जिनमें व्रत रखने के साथ –साथ पूजा अर्चना का विशेष अवसर प्राप्त होता है.


क्या करें?


भाद्रपद के इस पूरे पावन मास में अपने आराध्य देव की भक्ति करनी चाहिए.  वैसे ये मास भगवान शिव को समर्पित होता है. इस मास में भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए. इससे भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं और उनके सारे पापों का नाश करते हैं.


इस मास में पवित्र नदियों में स्नान करके पितरों के नाम पर दान-पुण्य करना चाहिए. इससे पितर बहुत खुश होते हैं और उनकी कुंडली के पितृ-दोष शांत होते हैं.  


इस मास में सभी प्रकार की सुख सुविधाओं का परित्याग कर जमीन पर शयन करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं.



श्रीकृष्ण को तुलसी दल अर्पित करना और इसे दूध में उबालकर पीना लाभदायक माना गया है.


क्या करें?



  1. भाद्रपद के इस पावन मास में लोगों को असत्य वचन, कड़वे वचन, विश्वासघात, ईष्या-द्वेष, क्रोध आदि नहीं करना चाहिए.

  2. भादो मास में किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. इसमें किसी मांगलिक कार्य का फल मंगलकारी नहीं होता.

  3. इस मास में पत्नी के साथ शारीरिक संबंधों नहीं बनना चाहिए.

  4. भाद्रपद के महीने में नशीले पदार्थों जैसे तंबाकू, गुटखा, सिगरेट व शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.

  5. इस समय यात्रा नहीं करनी चाहिए.