Bhai Dooj 2021 Date : पौराणिक मान्यता है कि भाईदूज के दिन जो बहन अपने भाई का तिलक कर उसे मनपसंद मिठाई खिलाती है, उसे जीवन भर यम का भय नहीं सताता और उन भाई-बहनों की कभी अकाल मृत्यु नहीं होती. मगर भाईदूज के लिए भाई की पूजा से उसे लंबी उम्र के साथ सुख संपन्नता का आशीर्वाद भी मिलता है. मगर कुछ कामों में सावधानी भी बरतने की सलाह दी गई है. 


आप भी जानिए वो काम जो इस दिन भूलकर भी नहीं करने चाहिए
1. भाईदूज के लिए संभव हो तो कभी अपने घर भोजन नहीं करना चाहिए. अगर ऐसा संभव न हो तो गाय के पास बैठकर भोजन करना अच्छा होगा.
2. भाईदूज पर बहन को अपने भाई से किसी भी मुद्दे पर आक्रोश में बहस या झगड़ा नहीं करना चाहिए. मन की दुर्भावना भारी नुकसान दे सकती है.
3. बहन को भाई से मिले उपहार का निरादर बिल्कुल नहीं करना चाहिए. न ही भाई को उसके बनाए भोजन पर कोई टीकाटिप्पणी करनी चाहिए.
4. भाईदूज पर बहन को भाई का तिलक करने से पहले कुछ भी खाना-पीना वर्जित है. पूजन से पहले तक निर्जला रहते हुए भाई को मीठा जरूर खिलाएं.
5. बहन को भाई से इस दिन भूलकर भी झूठ नहीं बोलना चाहिए. ऐसा करने से भाई को दुर्गति का सामना करना पड़ सकता है.
6. भाई को तिलक लगाते समय बहन भूलकर भी आज काले वस्त्र धारण न करें.
7. भाई की राशि वृषभ है तो बहन इस दिन हरे रंग के वस्त्र न धारण करें.
8. मिथुन राशि वाले भाई के लिए ललाट पर लगाने वाला अक्षत टूटा न हो. बहन नीले वस्त्र न पहने और भाई के हाथ में पीला मौली बांधे.
9. भाई की राशि कर्क है तो बहन इस दिन हरे रंग के वस्त्र न धारण करें.
10. यदि आपका भाई सिंह राशि का है, तो तिलक करते समय बहनें भूलकर भी आज के दिन काले वस्त्र धारण न करें.
11. भाई की राशि कन्या है तो लाल सिन्दूर से तिलक कर ललाट पर अक्षत लगाएं तो वह टूटे न हों.
12. यदि भाई की राशि तुला है तो बहनें हरे रंग के वस्त्र न धारण करें.
13. भाई वृश्चिक राशि का है, तो बहनें उस दिन काले वस्त्र धारण न करें.
14 . भाई की राशि धनु है तो उसे हल्दी का तिलक लगाएं, इस दौरान बहनें सफेद वस्त्र न धारण न करें.
15. भाई की राशि मकर है तो लाल रोली में चन्दन से तिलक करें. बहन इस दिन सुनहरे रंग के वस्त्र न धारण करें.


भाईदूज की पौराणिक कथा  
सूर्य देव की दो संतानें यम और यमी यानीं यमुना हुईं. एक बार यमुना भाई को अपने घर भोजन के लिए आमंत्रित करती हैं. बहन के बुलावे पर यमराज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन उनके घर जाते हैं. बहन यमुना ने भाई यम का बहुत मान-सम्मान किया. प्रसन्न हो यमराज ने बहन से वर मांगने को कहा तो यमुना ने वर मांगा कि जो बहन कार्तिक माह शुक्लपक्ष की द्वितीया को भाई को टीका लगाकर पकवान खिलाए, उसे और उसके भाई को कभी यम का भय न सताये. यमराज ने तथास्तु कहकर वरदान दे दिया. तब से कार्तिक शुक्लपक्ष की द्वितीया को भाईदूज मनाने की परम्परा है.


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