Savitribai Phule Jayanti 202: सावित्रीबाई फुले जिन्होंने कहा, ‘स्त्रियां केवल घर और खेत के लिए नहीं...’ जानें उनकी जयंती पर क्रांतिकारी और अनमोल विचार
Savitribai Phule Jayanti 2023: सावित्रीबाई फुले, जिन्होंने महिलाओं की शिक्षा के लिए संघर्ष किया और पहली बार बालिका विद्यालय की स्थापना की. बता दें कि सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था.
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Savitribai Phule Jayanti 2023, Inspiristional Quotes: सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था. उन्होंने समाज में महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया और इसके लिए कई कार्य किए. उन्हें भारत की प्रथम महिला शिक्षिका के रूप में जाना जाता है. महिला शिक्षा के अलावा सावित्रीबाई फुले ने प्लेग जैसी महामारी को लेकर भी कई परोपकारी कार्यों में अपना योगदान दिया.
आज हमारे समाज में महिलाओं के लिए शिक्षा का जैसा स्तर है, वह उन्नीसवीं सदी से पहले नहीं था. सावित्रीबाई फुले का विवाह नौ वर्ष की आयु में महात्मा ज्योतिराव गोविंदराव फुले से हो गया था. 18 साल की उम्र में उन्होंने बालिकाओं को पढ़ाना शुरू कर दिया था. वह शिक्षिका के साथ ही समाज सुधारक भी थीं और व्यक्तिगत तौर पर कवियत्री भी.
सावित्रीबाई फुले ने पति के सहयोग से 1 जनवरी 1848 में पुणे में बालिकाओं के लिए पहला बालिका विद्याल खोला. जोकि स्त्री शिक्षा की क्रांति के लिए पहला स्तंभ बना. इसके बाद उन्होंने बालिकाओं के अलावा महिलाओं की शिक्षा के लिए 1849 में प्रौढ़ शिक्षा केंद्र की भी स्थापना की.
आज 3 जनवरी को भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती है. सावित्रीबाई फुले की जयंती पर जानते हैं उनके अनमोल, प्रेरणादायक और क्रांतिकारी विचारों के बारे में.
आखिर कब तक तुम अपने ऊपर हो रहे अत्याचार को सहन करोगी
देश बदल रहा है इस बदलाव में हमें भी बदलना होगा
शिक्षा का द्वार जो पितृसत्तात्मक विचार ने बंद किया है, उसे खोलना होगा
शिक्षा स्वर्ग का द्वार खोलता है
स्वंय को जानने का अवसर देता है
बेटी के विवाह से पूर्व उसे शिक्षित बनाओ ताकि
वह अच्छे-बुरे में फर्क कर सके.
स्त्रियां केवल घर और खेत पर काम करने के लिए नहीं बनी हैं
वह पुरुषों से बेहतर और संतराबराबरी का कार्य कर सकती हैं.
कोई तुम्हें कमजोर समझे इससे पहले
तुम्हे शिक्षा के स्तर को समझना होगा
किसी समाज या देश की प्रगति तब तक संभव नहीं
जब तक कि वहां कि महिलाएं शिक्षित ना हों.
एक सशक्त और शिक्षित स्त्री सभ्य समाज का निर्माण कर सकती है
इसलिए तुम्हारा भी शिक्षा का अधिकार होना चहिए
कब तक तुम गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी रहोगी
उठो और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करो.
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